NCERT Solutions for Chapter 11चावल की रोटियाँ Class 5 Hindi

प्रस्तुत कहानी में 'कोको' नाम का आठ वर्ष का एक बर्मी लड़का है । जो मोटा है । कोको को चावल की रोटियाँ बहुत पसंद है । लेकिन जब कोको खाने के लिए बैठता है । उसी समय दरवाजा खटखटाने की आवाज आती है और  वह पहले रोटियों को छिपा देता है | जब वह फिर से चावल की रोटियाँ लेकर खाने के लिए बैठता है तो इस बार मिमि आ जाती है| कोको फिर रोटियाँ छिपाने के बाद दरवाज़ा खोलता है | मिमि उसे बताती है कि वह उसकी माँ से मिली थीं और उसे चावल की रोटियो के बारे मे पता हैं। कोको कहता है कि मैंने सारी रोटियाँ खा ली ।
इस पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें झूठ नहीं बोलना चाहिए और मिल बाटकर खाना चाहिए l

NCERT Solutions for Class 5th Hindi Chapter 11चावल की रोटियाँ


चावल की रोटियाँ Questions and Answers


Chapter Name

चावल की रोटियाँ NCERT Solutions

Class

CBSE Class 5

Textbook Name

Rimjhim

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मंच और मंचन

एक सादा कमरा, दीवारों पर बाँस की चटाइयाँ एक दीवार के सहारे माँस रखने की अलमारी अलमारी के ऊपर एक रेडियो, चाय की केतली, कुछ कप और खाली गुलाबी फूलदान रखा है। कमरे के बीच फर्श पर एक चटाई बिछी है जिसके ऊपर कम ऊंचाई वाली गोल मेज रखी है। दो दरवाज़े एक दरवाजा पीछे की ओर खुलता है और दूसरा एक किनारे की ओर पंछियों के चहचहाने के साथ-साथ पर्दा उठता है । दूर कहीं मुर्गा बाँग देता है। कुत्ता भौंकता है। कहीं प्रार्थना की घटियाँ बजती हैं। कोको आता है, जम्हाई लेकर अपने को सीधा करता है। ऊपर लिखी पंक्तियों में कोको के घर के एक कमरे का वर्णन किया गया है। दरअसल नाटक के लिए मंच सज्जा कैसी हो यह निर्देश उसके लिए है। तुम इस वर्णन को पढ़कर उस मंच का एक चित्र बनाओ जो ठीक वैसा ही होना चाहिए जैसा कि बताया गया है।

उत्तर: स्वयं करो।

 

नाटक की बात

प्रश्न 1. नाटक में हिस्सा लेने वालों को पात्र कहते हैं। जिन पात्रों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है उन्हें मुख्य पात्र और जिनकी भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं होती है उन्हें गौण पात्र' कहते हैं। बताओ इस नाटक में कौन-कौन मुख्य और गौण पात्र कौन हैं?"

उत्तर: इस नाटक में कोको महत्वपूर्ण भूमिका में है। अतः उसे नाटक का मुख्य पात्र कहेंगे। बाकी सभी - नीनी, मिमि, तिन सू और उ बा तुन गोण पात्र हैं।


2.पात्रों को जो बात बोलनी होती है उसे संवाद कहते हैं। क्या तुम किसी एक परिस्थिति के लिए संवाद लिख सकती हो? (इसके लिए तुम टोलियों में भी काम कर सकती हो।) उदाहरण के लिए खो-खो या कबड्डी जैसा कोई खेल खेलते समय दूसरे दल के खिलाड़ियों से बहस ।

उत्तर: स्वयं करो।


3.कभी-कभी आपने कोई चीज़ या बात दूसरों से छिपाई है या छिपाने की कोशिश की है, उस समय क्या- क्या हुआ था?

उत्तर:  एक बार मेरा एक दोस्त मुझसे फुटबॉल माँगने आया। मैं देना नहीं चाहता था क्योंकि मुझे पता था कि वह उसकी हवा निकालकर मेरे पास लौटाने आएगा। वह कई दोस्तों के फुटबॉलों के साथ ऐसा कर चुका था। अतः मैंने बहाना बनाया कि फुटबॉल मेरा छोटा भाई लेकर खेलने चला गया है।


4.कहते हैं, एक झूठ छिपाने के लिए सौ झूठ बोलने पड़ते हैं। क्या तुम्हें कहानी पढ़कर ऐसा लगता है? कहानी की मदद से इस बात को समझाओ।

उत्तर:  हाँ, यह बात बिल्कुल सही है कि एक झूठ छिपाने के लिए सौ झूठ बोलने पड़ जाते हैं। ऐसा ही कुछ इस नाटक में हुआ है। कोको को चावल की रोटियाँ बहुत पसंद हैं। अतः वह सभी चारों रोटियाँ स्वयं खाना चाहता है। लेकिन संयोग ऐसा होता है कि जब-जब वह रोटियाँ खाने बैठता है, उसका कोई-न-कोई दोस्त आ जाता है। वह रोटियाँ उनके साथ बाँटकर नहीं खाना चाहता है और उन्हें छिपाने की कोशिश में कई झूठ बोलता है, जैसे उसका पेट भरा है, रेडियो खराब है, घर में चूहा है, माँ को फूलों से एलर्जी है, आदि।

 

एक चावल कई-कई रूप

प्रश्न 1. कोको की माँ ने उसके लिए चावल की रोटियाँ बनाकर रखी थीं। भारत के विभिन्न प्रांतों में चावल अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल किया जाता है भोजन के हिस्से के रूप में भी और नमकीन और मीठे पकवान के रूप में भी तुम्हारे प्रांत में चावल का इस्तेमाल कैसे होता है? घर में बातचीत करके पता करो और एक तालिका बनाओ। कक्षा में अपने दोस्तों की तालिका के साथ मिलान करो तो पाओगी कि भाषा, कपड़ों और रहन-सहन के साथ-साथ खान-पान की दृष्टि से भी भारत अनूठा है।

उत्तर: हमारे प्रांत दिल्ली में चावल का इस्तेमाल निम्नलिखित चीजें बनाने में होता है-

  • खाने में प्रयुक्त सादा चावल
  • नमकीन पुलाव
  • मीठा पुलाव
  • रोटी

 

प्रश्न 2. अपनी तालिका में से चावल से बनी कोई एक खाने की चीज़ बनाने की विधि पता करो और उसे नीचे दिए गए बिंदुओं के हिसाब से लिखो।

  • सामग्री
  • तैयारी
  • विधि

उत्तर: चावल का नमकीन पुलाव बनाने की विधि

सामग्री- चावल, गोभी, मटर, गाजर, आलू, धनिया पत्ता ।

विधि - सबसे पहले सभी सब्जियों को (धनिया पत्ता नहीं) अच्छी तरह धोकर काट लो फिर चावल को धोकर हल्का सुखा लो। फिर उसे घी में भूनकर निकाल लो। अब कटी सब्जियों को घी में भूनो भूनते समय उसमें नमक, मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर व इलाइची डालो। जब उनका रंग सुनहला हो जाए तो उसमें चावल को डालकर थोड़ी देर फिर भूनो अब प्रेशर कुकर में अंदाज से पानी चढाओ। जब पानी गर्म हो जाए तो उसमें कड़ाही की सामग्री डाल दो। फिर उसे बंद कर दो। एक सीटी के बाद उतार लो। थोड़ी देर बाद गर्मागरम परोसो चाहो तो ऊपर में धनिया पत्ता बारीक बारीक काटकर पुलाव पर फैला दो ।

 

प्रश्न 3. "कोको के माता-पिता धान लगाने के लिए खेतों में गए।"

कोको की माँ ने उसके लिए चावल की रोटियाँ बनाई।"

एक ही चीज़ के विभिन्न रूपों के अलग-अलग नाम हो सकते हैं। नीचे ऐसे कुछ शब्द दिए गए हैं। उनमें अंतर बताओ।

चावल, धान, भात, मुरमुरा, चिउड़ा

साबुत दाल, धुली दाल, छिलका दाल

गेहूँ, दलिया, आटा, मैदा, सूजी

उत्तर:

  • चावल - धान से निकला दाना चावल होता है।
  • धान - छिलका लगे चावल को धान कहते हैं।
  • भात - पका हुआ चावल भात कहलाता है।
  • मुरमुरा - चावल या धान का भूना हुआ रूप मुरमुरा कहलाता है।
  • चिउड़ा - धान को भिगोकर या उबालकर कूटने से चिउड़ा तैयार होता है।
  • साबुत दाल - छिलके वाली दाल जो टुकड़ों में नहीं है।
  • धुली दाल - टूटी हुई बिना छिलके वाली दाल।
  • छिलका दाल - टूटी हुई छिलके वाली दाल
  • गेहूँ - गेहूँ साबुत दाना होता है।
  • दलिया - गेहूँ के दानों को दलकर दलिया बनाया जाता है।
  • आटा - गेहूँ के दानों को पीसकर आटा बनाया जाता है।
  • मैदा - गेहूं के दानों को बहुत ही अधिक बारीक पीसकर मैदा बनाया जाता है।

 

के, में, ने, को, से....

कोको की माँ ने कल दुकान से एक फूलदान खरीदा था । "

ऊपर लिखे वाक्य में जिन शब्दों के नीचे रेखा खिंची है वे वाक्य में शब्दों को आपस में संबंध बताते हैं। नीचे एक मजेदार किताब "अनारको के आठ दिन" का एक अंश दिया गया है। उसके खाली स्थानों में इस प्रकार के सही शब्द लिखो।

उत्तर: अनारको एक लड़की है। घर के लोग उसे अन्नो कहते हैं। अन्नो नाम छोटा जो है, सो उस से हुक्म चलाना आसान होता है। अन्नो, पानी ले आ, अन्नो धूप में मत जाना, अन्नो बाहर अँधेरा है कहीं मत जा, बारिश में भीगना मत, अन्नो! और कोई बाहर से घर में आए तो घर वाले कहेंगे ये हमारी अनारको है. प्यार से हम इसे अन्नो कहते हैं। प्यार से हूँ-ह-ह!

आज अनारको सुबह सोकर उठी तो हाँफ रही थी। रात सपने में बहुत बारिश हुई। अनारको ने याद किया और उसे लगा, आज के सपने में जितनी बारिश हुई उतनी तो पहले के सपनों में कभी नहीं हुई। कभी नहीं। जमके बारिश हुई थी आज के सपने में और जमकर उसमें भीगी थी अनारको खूब उछली थी, कूदी थी, चारों तरफ पानी छिटकाया था और खूब-खूब भीगी थीं।

 

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