NCERT Solutions for Chapter 1 राख की रस्सी Class 5 Hindi

प्रस्तुत कहानी में तिब्बत की लोककथा का वर्णन किया गया है । तिब्बत के मंत्री "लोनपो गार" और उनके बेटे का जिक्र किया गया है |लोनपो गार चालक और हाज़िरजवाबी थे | लेकिन लोनपो गार का बेटा, विपरीत सीधा सादा और शान्त था | लोनपो गार अपने बेटे को समझदार और होशियार बनाने के लिए उसे कई की जिम्मेदारी सौंपी ताकि बेटे को दुनियादारी की समझ हो । एक बहुत होशियार लड़की थी | उसने भेड़ों के बाल उतारकर बाजार में बेच दिए, एक बार फिर उसी भेड़ के सींगो को काटकर बाजार में बेच दिये और उससे मिले रुपयों से सौ- सौ जौ के बोरे खरीद लिए । इसके बाद घर आकर मंत्री के बेटे ने अपने पिता को सारी बात दी | अब लोनपो गार ने अपने बेटे को उस लड़की से यह कहने को कहा कि उसे नौ हाथ लंबी राख की रस्सी बनाने को कहो। उसने लड़की को सारी बात बता दी | लोनपो गार को लगा कि ऐसी रस्सी बनाना ही संभव नहीं है | अगले दिन लड़की ने नौ हाथ की रस्सी लेकर उसे पत्थर की सिल पर रखकर जला दिया | रस्सी के जलने के बाद उसी के आकार की राख बच गई और लड़की ने उसे सिल समेत लोनपो गार के पास ले जाकर उसे पहनने को कहा | लोनपो गार राख की रस्सी देखकर दंग रह गए और लड़की की समझदारी को देखकर प्रभावित हो गए और अपने बेटे की शादी उससे करा दी ।

NCERT Solutions for Class 5th Hindi Chapter 1 राख की रस्सी


राख की रस्सी Questions and Answers


Chapter Name

राख की रस्सी NCERT Solutions

Class

CBSE Class 5

Textbook Name

Rimjhim

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भोला भाला

प्रश्न 1. तिब्बत के मंत्री अपने बेटे के भोलेपन से चिंतित रहते थे।

(क) तुम्हारे विचार से वे किन-किन बातों के बारे में सोचकर परेशान होते थे?

उत्तर: कहीं उनके बेटे को कोई मूर्ख न बना दे। कहीं उसका अत्यधिक भोलापन उसके जीवन रूपी नाव को डुबो न दे। वह अपना जीवन निर्वाह कैसे करेगा? कहीं कोई लड़की उससे शादी करने को तैयार न हो, आदि आदि।


(ख) तुम तिब्बत के मंत्री की जगह होती तो क्या उपाय करती?

उत्तर: मैं रोज उसको अपने पास बिठाकर दुनियादारी समझाती उसे पढ़ाती - लिखाती, उससे सवाल जवाब करती, उसकी परीक्षा लेती।


शहर की तरफ

प्रश्न 1. मंत्री ने अपने बेटे को शहर की तरफ रवाना किया।"

(क) मंत्री ने अपने बेटे को शहर क्यों भेजा था?

उत्तर: मंत्री ने अपने बेटे को शहर इसलिए भेजा ताकि वह दुनियादारी समझे ओर व्यवहारिक बने ।


(ख) उसने अपने बेटे को भेड़ों के साथ शहर में ही क्यों भेजा ?

उत्तर: शहर के लोग ज्यादा होशियार और सूझबूझ वाले होते हैं। ऐसे लोगों के बीच रहकर भोलाभाला व्यक्ति भी होशियार और सूझ-बूझ वाला बन जाता है। इसी कारण उसने अपने बेटे को भेड़ों के साथ शहर में ही भेजा।


(ग) तुम्हारे घर के बड़े लोग पहले कहाँ रहते थे? घर में पता करो। आस-पड़ोस में भी किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में पता करो कि किसी दूसरी जगह जाकर बस गया हो। उनसे बातचीत करो और जानने की कोशिश करो कि क्या वे अपने निर्णय से खुश हैं। क्यों? एक पुरुष, एक महिला और एक बच्चे से बात करो। यह भी पूछो कि उन्होंने वह जगह क्यों छोड़ दी?

उत्तर: स्वयं करो।

 

प्रश्न 2. "जो एक तरह का अनाज है जिसे कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है। इसकी रोटी बनाई जाती है, सत्तू बनाया जाता है और सूखा भूनकर भी खाया जाता है। अपने घर में और स्कूल में बातचीत करके कुछ और अनाजों के नाम पता करो।

उत्तर:

       गेहूँ 

     जौ 

     मक्का     

    धान       

     बाजरा 

    ज्वार

  

प्रश्न 3. गेहूँ और जो अनाज होते हैं और ये तीनों शब्द संज्ञा है। 'गेहूँ और 'जो' अलग-अलग किस्म के अनाजों के नाम हैं इसलिए ये दोनों व्यक्तिवाचक संज्ञा हैं और अनाज जातिवाचक संज्ञा है। इसी प्रकार 'रिमझिम व्यक्तिवाचक संज्ञा है और पाठ्यपुस्तक' जातिवाचक संज्ञा है।

(क) नीचे दी गई संज्ञाओं का वर्गीकरण इन दो प्रकार की संज्ञाओं में करो।

लेह 

धातु

शेरवानी 

भोजन

ताँबा

खिचड़ी

शहर

वेशभूषा


उत्तरः व्यक्तिवाचक संज्ञा :  लेह , शेरवानी , ताँबा , खिचड़ी

          जातिवाचक संज्ञा:  धातु  , भोजन , शहर , वेशभूष


 (ख) ऊपर लिखी हर जातिवाचक संज्ञा के लिए तीन-तीन व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ खुद सोचकर लिखो।

उत्तरः

  • शहर- कोलकाता, पटना, चेन्नई।
  • वेशभूषा- कमीज, टाई, सलवार ।
  • धातु- लोहा, सोना, चाँदी।
  • भोजन- चावल, दाल, रोटी।


तुम सेर, मैं सवा सेर

प्रश्न 1. इस लड़की का तो सभी लोहा मान गए था न सचमुच नहले पर दहला ! तुम्हें भी यही करना होगा। तुम ऐसा कोई काम ढूंढो जिसे करने के लिए सूझबूझ की ज़रूरत हो। उसे एक कागज़ में लिखो और तुम सभी अपनी-अपनी चिट को एक डिब्बे में डाल दो। डिब्बे को बीच में रखकर उसके चारों ओर गोलाई में बैठ जाओ अब एक-एक करके आओ, उस डिब्बे से एक चिट निकालकर पढ़ो और उसके लिए कोई उपाय सुझाओ। जिस बच्चे ने सबसे ज्यादा उपाय सुझाए वह तुम्हारी कक्षा का 'बीरबल होगा।

उत्तर: स्वयं करें

 

प्रश्न 2. मंत्री ने बेटे से कहा, 'पिछली बार भेड़ों के बाल उतार कर बेचना मुझे जरा भी पसंद नहीं आया।" क्या मंत्री को सचमुच यह बात पसंद नहीं आई थी? अपने उत्तरः का कारण भी बताओ।

उत्तर: मंत्री को यह बात जरूर पसंद आई होगी। लेकिन इसमें उसके बेटे का कोई योगदान नहीं था। इसीलिए उसने खुशी जाहिर नहीं की और दोबारा उन्हीं भेड़ों के साथ उसे शहर भेज दिया ताकि उसे अपनी होशियारी दिखाने का एक और अवसर मिले।

 

सींग और जी

प्रश्न 1. पहली बार में मंत्री के बेटे ने भेड़ों के बाल बेच दिए और दूसरी बार में भेड़ों के सींग बेच डाले। जिन लोगों ने ये चीजें खरीदी होंगी, उन्होंने भेड़ों के बालों और सींगों का क्या किया होगा? अपनी कल्पना से बताओ। 

उत्तर: भेड़ों के बालों से उन्होंने ऊन बनाई होगी और ऊन से गरम कपड़े जैसे, शॉल भेड़ों के सींगों से उन्होंने सजावट की चीजें बनाई होंगी।

 

बात को कहने के तरीके

प्रश्न 1. नीचे कहानी से कुछ वाक्य दिए गए हैं। इन बातों को तुम किस तरह से कह सकती हो-

(क) चैन से जिंदगी चल रही थी।

उत्तर: शांतिपूर्ण ढंग से जीवन कट रहा था।


(ख) होशियारी उसे छूकर भी नहीं गई थी।

उत्तर:  वह बिल्कुल होशियार नहीं था।


(ग) में इसका हल निकाल देती हूँ।

उत्तर: मैं इसका उपाय बताती हूँ।


(घ) उनकी अपनी चालाकी धरी रह गई।

उत्तर: उनकी अपनी चालाकी काम नहीं आई।


प्रश्न 2. लोनपोगार का बेटा होशियार नहीं था।

(क) 'होशियार' और 'चालाक' में क्या फर्क होता है? किस आधार पर किसी को तुम चालाक या होशियार कह सकती हो? इसी प्रकार "भोला' और 'बुद्ध के बारे में भी सोचो और कक्षा में चर्चा करो।

उत्तर:  'होशियार' शब्द का प्रयोग सकारात्मक अर्थ में (अच्छे अर्थ में) होता है। इसका मतलब है समझदार । लेकिन चालाक शब्द का प्रयोग नकारात्मक अर्थ में (खराब या बुरे अर्थ में) होता है। इसका मतलब है। चतुर ।

भोला शब्द का अर्थ होता है सीधा-सादा अगर कोई व्यक्ति भोला है इसका मतलब यह नहीं कि वह मूर्ख है। वह जानकार और पढ़ा-लिखा है किन्तु हृदय से सीधा है। 'बुद्ध' शब्द का अर्थ है मूर्ख या बेवकूफ ।।


(ख) लड़की को तुम समझदार कहोगी यो 'बुद्धिमान ? क्यों?

उत्तर: लड़की बुद्धिमान थी। उसने अपनी बुद्धि से एक मंत्री को इतना प्रभावित किया कि उसने अपने बेटे से उसकी शादी कर दी।

 

नाम दो

कहानी में लोनपोगार के बेटे और लड़की को कोई नाम नहीं दिया गया है। नीचे तिब्बत में क्च्चों के नामकरण के बारे में बताया गया है। यह परिचय पढ़ो और मनपसंद नाम छाँटकर बेटे और लड़की को कोई नाम दो।

नायिमा, डावा, मिगमार, लाखपा, नुखू, फू दोरजे ये क्या हैं? कोई खाने की चीज या घूमने की जगहों के नाम । जी नहीं, ये हैं तिब्बती बच्चों के कुछ नाम। ये सारे नाम तिब्बत में शुभ माने जाते हैं। नायिमा' नाम दिया जाता हे रविवार को जन्म लेने वाले बच्चों को मानते हैं कि इससे बच्चे को उस दिन के देवता सूरज जेसी शक्ति मिलेगी और जब-जब उसका नाम पुकारा जाएगा, यह शक्ति बढ़ती जाएगी। सोमवार को जन्म लेने वाले बच्चों का नाम 'डावा' रखा जाता है। यह लड़का-लड़की दोनों को नाम हो सकता है तिब्बती भाषा में डावा के दो मतलब होते हैं, सोमवार और चाँद । यानी डावा चाँद जैसी रोशनी फैलाएगी और अँधेरा दूर करेगी। तिब्बत में बुद्ध के स्त्री-पुरुष रूपों पर भी नामकरण करते हैं खासकर दोलमा नाम बहुत मिलता है। यह बुद्ध के स्त्री रूप तारा का ही तिब्बती नाम है।

उत्तर: बेटे का नाम - मिगमार

लड़की का नाम - डावा

 

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