NCERT Solutions for Chapter 2 फसलों के त्योहार Class 5 Hindi

प्रस्तुत पाठ में देश के अलग-अलग हिस्सों में फसलों के त्योहारो को मनाने के बारे में बताया गया है। हमारे देश के विभिन्न हिस्सों में फसलों से संबंधित त्योहारों का अपना ही महत्व है। मकर संक्रांति का त्योहार- इसे जनवरी मध्य से अप्रैल मध्य तक अलग-अलग समय में मनाया जाता है। इस दिन सब लोग फसल की अच्छी पैदावार और फसलों के घर में आ जाने की खुशी मनाते है । इस दिन चूड़ा-दही और खिचड़ी खाने का रिवाज़ होता है । इस दिन तिल, गुड़ और चीनी के तिलकुट भी खाए जाते हैं जो बड़े स्वादिष्ट लगते हैं । इस दिन खरीफ़ की फसलें चावल, अरहर, मसूर आदि कटकर घरों में पहुँचती हैं और लोग नए धान कूटकर चावल निकालते हैं। लोग घर में मिट्टी का नया मटका लाकर इसमें नए चावल, दूध और गुड़ डालकर उसे पकने के लिए धूप में रख देते हैं । दूध में उफान आते ही सभी लोग एक स्वर मे गाना गाने लगते हैं । गुजरात में मकर संक्रांति- गुजरात में इसे पतंग का पर्व के रूप में मनाया जाता है । इस दिन प्रत्येक गुजराती पतंग उड़ाते है और हजारों-लाखों पतंगों से आसमान ढ़क जाता है। उत्तराखंड में मकर संक्रांति- उत्तराखंड मे कुमाऊँ मंडल इसे 'घुघुतिया' के रूप मे मनाते है | इस दिन आटे और गुड़ को गूंथकर पकवान बनाया जाता है | बच्चे पक्षियों को पकवान खिलाते हुए उनके लिए गीत गाते हुए प्रार्थना करते हैं ।

NCERT Solutions for Class 5th Hindi Chapter 2 फसलों के त्योहार


फसलों के त्योहार Questions and Answers


Chapter Name

फसलों के त्योहार NCERT Solutions

Class

CBSE Class 5

Textbook Name

Rimjhim

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मौसम का अंदाज़

प्रश्न 1. "खिचड़ी में अइसन जाड़ा हम पहिले कब्बो ना देखनीं ।" यहाँ 'खिचड़ी' से क्या मतलब निकाल रही हो?

उत्तर: यहाँ खिचड़ी से मतलब मकर संक्रांति नामक त्योहार से है।

 

प्रश्न 2. क्या कभी ऐसा हो सकता है कि सूरज बिल्कुल ही न निकले?

अगर ऐसा हो तो चारों तरफ अंधेरा छा जाएगा। ठंड बढ़ जाएगी। लोगों के लिए काम करना मुश्किल हो जाएगा। जीवन की रफ्तार थम सी जाएगी। अपने साथियों के साथ बातचीत करके लिखो।

उत्तर: स्वयं करें।

 

प्रश्न 3. बाहर देखने से समय का अंदा क्यों नहीं हो रहा था? जिनके पास घड़ी नहीं होती वे समय का अनुमान किस तरह से लगाते हैं?

उत्तर: बाहर देखने से समय का अंदाजा इसलिए नहीं हो रहा था क्योंकि सूरज नहीं निकला था। जिनके पास घड़ी नहीं होती वे समय का अंदाजा सूरज की गति और उसकी चमक से लगाते हैं।

 

तुम्हारी जुबान

(क) "आज ई लोग के उठे के नईखे का?"

उत्तर: आज ये लोग उठेंगे नहीं क्या?


(ख) "जा भाग के देख केरा के पत्ता आइल की ना?"

इन वाक्यों को अपने घर की भाषा में लिखो ।

उत्तर: दौड़ कर जाओ और देखो कि केला का पत्ता आया कि नहीं।

 

भारत तेरे रंग अनेक

प्रश्न 1. विविधता हमारे देश की पहचान है। फसलों का त्योहार हमारे देश के विविध रंग-रूपों का एक उदाहरण है। नीचे विविधता के कुछ और उदाहरण दिए गए हैं। पाँच-पाँच बच्चों का समूह एक-एक उदाहरण लें और उस पर जानकारी इकट्ठी करे। (जानकारी चित्र, फोटोग्राफ, कहानी, कविता, सूचनापरक सामग्री के रूप में हो सकती है।) हर समूह इस जानकारी को कक्षा में प्रस्तुत करे।

  • भाषा
  • कपड़े
  • नया वर्ष
  • भोजन
  • लोक कला
  • लोक संगीत

उत्तर:

  • भाषा- भारत में अनेक भाषाएँ बोली जाती हैं। उदाहरण के लिए हिन्दी, मराठी, पंजाबी, कन्नड़, तेलुगू आदि । हिन्दी यहाँ की मुख्य भाषा है क्योंकि यह अधिकतम लोगों द्वारा बोली जाती है। यह हमारी राष्ट्र भाषा भी है।
  • कपड़े- यहां के लोग विविध प्रकार के कपड़े पहनते हैं। उदाहरण के लिए दक्षिण भारत में लुंगी पहनी जाती है, उत्तर भारत में सलवार-कमीज, घाघरा चोली, कुर्ता-पायजामा आदि पहने जाते हैं।
  • नया वर्ष - हिन्दी कैलेंडर के अनुसार नया वर्ष होली के दिन होता है। यह भिन्न-भिन्न प्रदेशों में भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है।
  • भोजन- यहाँ भोजन में विविधता देखने को मिलती है। दक्षिण भारत में इडली डोसा मशहूर है तो उत्तर भारत में चावल दाल, रोटी, सब्जी, राजमा आदि पसंद से खाए - खिलाए जाते हैं। पश्चिम बंगाल में चाक्ल-मछली बड़े शौक से खाया जाता है।

 

प्रश्न 2. तुम्हें कौन-सा त्योहार सबसे अच्छा लगता है और क्यों? इस दिन तुम्हारी दिनचर्या क्या रहती है?

उत्तर: होली का त्योहार मुझे सबसे अच्छा लगता है क्योंकि इस दिन लोग ऊँच-नीच का विचार भूलकर एक- दूसरे के गले मिलते हैं और खुशियाँ मनाते हैं। इस दिन में सुबह से ही काफी सक्रिय रहता हूँ। तरह-तरह की पिचकारियों में रंग भरकर लोगों पर फेंकता हूँ। स्वादिष्ट पकवान खाता हूँ। नये कपड़े पहनता हूँ।


अन्न के बारे में

(क) फसल के त्योहार पर 'तिल' का बहुत महत्व होता है। तिल का किन-किन रूपों में इस्तेमाल किया जाता है? पता करो।

उत्तर: तिल से तिलकुट, रेवड़ियाँ और गज्जक जैसी मिठाइयाँ बनाई जाती हैं।

(ख) तुम जानती हो कि तिल से तेल बनता है? और किन चीज़ों से तेल बनता है और कैसे? हो सके तो तेल की दुकान में जाकर पूछो।

उत्तर: तिल के अलावा सरसों, राई, सोयाबीन, सूरजमुखी, मूंगफली आदि से तेल बनाया जाता है।

 

किसान और चीजों का सफर

किसान और खेती हममें से बहुत से लोगों की जानी-पहचानी दुनिया का हिस्सा नहीं है। विशेष रूप से शहर के ज्यादातर लोगों को यह अहसास नहीं है कि हमारी जिंदगी किस हद तक इनसे जुड़ी हुई है। देश के कई हिस्सों में आज किसानों को जिंदा रहने के लिए बहुत मेहनत और संघर्ष करना पड़ रहा है। अगर यह जानने की कोशिश करें कि हम दिनभर जो चीजें खाते हैं वे कहाँ से आती हैं तो किसानों की हमारी जिंदगी में भूमिका को हम समझ पाएँगे। आलू की पकोड़ी, बर्फी और आइसक्रीम इन तीन चीज़ों के बारे में नीचे दिए बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए जानकारी इकट्ठी करो और मेरी कहानी' के रूप में उसे लिखो ।

  • किन चीज़ों से बनती है?
  • इन चीज़ों का जन्म कहाँ होता है?
  • हम तक पहुँचने का उनका सफ़र क्या है?
  • किन-किन हाथों से होकर हम तक पहुँचती है?
  • इस पूरे सफर में किन लोगों की कितनी मेहनत लगती है?
  • इन लोगों में से किसको कितना मुनाफा मिलता है?

अगले वर्ष कक्षा छह में सामाजिक एवं राजनैतिक जीवन के बारे में पढ़ोगी तो ऊपर लिखे सफर में शामिल लोगों की दिनचर्या पता करने का मौका भी मिलेगा।

उत्तर:

आलू की पकौड़ी -यह आलू और बेसन से बनती है। आलू को गोल-गोल काटकर बेसन के गाढ़े घोल में लपेटकर तेल में तल दिया जाता है।

बर्फी - यह दूध के खोये में चीनी मिलाकर बनाया जाता है।

आइसक्रीम दूध में आइसक्रीम पावडर और चीनी डालकर गाढ़ा होने तक खोलाया जाता है। फिर उसे ठंडा होने के लिए छोड़ दिया जाता है। उसके बाद छोटे-छोटे प्लास्टिक के बर्तनों में डालकर फ्रीज में रख दिया जाता है।

 

खास पकवान

  1. गया शहर तिलकुट के लिए भी प्रसिद्ध है। हमारे देश में छोटी-बड़ी ऐसी कई जगहें हैं जो अपने खास पकवान के लिए मशहूर हैं। अपने परिवार के लोगों से पता करके उनके बारे में बताओ।
  2. पिछले दो वर्षों में तुमने काम वाले शब्दों के बारे में जाना ।

इन शब्दों को क्रिया भी कहते हैं क्योंकि क्रिया का संबंध कोई काम करने से है। नीचे खिचड़ी बनाने की विधि दी गई है। इसमें बीच-बीच में कुछ क्रियाएँ छूट गई हैं। उचित क्रियाओं का प्रयोग करते हुए इसे पूरा करो ।

छौंकना 

  पीसना    

पकाना  

धोना 

परोसना 

भूनना


बंगाली 'खिचुरी' (5 व्यक्तियों के लिए)

सामग्री  

  मात्रा     

सामग्री  

  मात्रा     

अदरक    

20 ग्राम

 चावल धुले हुए    

1 प्याला  

लहसुन 

3 फौके

फूल गोभी बड़े-बड़े टुकड़ों में कटी हुई 

200 ग्राम

इलायची के दाने 

3 छोटी 

आलू छीलकर चार-चार टुकड़ों में कटे हुए  

2

दालचीनी

2  1⁄2  से.मी. का 1 टुकड़ा

 मटर के दाने

1⁄2 प्याला

पानी 

4 प्याले 

धनिया पिसा हुआ 

1 बड़ा चम्मच 

मूंग दाल 

1⁄2 प्याला

लाल मिर्च पिसी हुई 

 1⁄2 छोटा चम्मच

सरसों का तेल

3 बड़े चम्मच

चीनी   

1 छोटा चम्मच

तेज पत्ते  

2  

 घी 

2 बड़े चम्मच

जीरा  

1⁄2 छोटा चम्मच

नमक और हल्दी 

अंदाज़ से

प्याज बारीक कटा हुआ 

1 मँझोला

 

 


उत्तर:

विधि - इलायची, दालचीनी और लौंग में थोड़ा-थोड़ा पानी (एक छोटा चम्मच) डालते हुए पीस तो अदरक और लहसुन को इकट्ठा पीसकर पेस्ट बनाओ। दाल को कड़ाही में डालो और मध्यम आँच पर सुनहरी भूरी होने तक भून लो। अब चावल निकाल कर धो लो तेल को कुकर में डालकर गरम करो तेल गरम हो जाने पर तेज पत्ते और जीरा डालो। जीरा जब चटकने लगे तो प्याज़ डालकर सुनहरा भूरा होने तक भूनो अब अदरक-लहसुन का पेस्ट डालकर कुछ • मिनट भूनो भुनी हुई दाल, चावल और सब्जी डालो और अच्छी तरह मिलाओ शेष पानी (चार प्याले डालकर एक बार चलाओ। कुकर बंद करो तेज़ आँच पर पूर्ण प्रेशर आने दो अब आँच कम करके चार मिनट तक पकाओ। भाप निकल जाने पर कुकर खोलो, मसालों का पेस्ट मिलाओ खिचुरी पर घी, हींग, जीरा, साबुत लाल मिर्च से छौंक कर परोसो गरमागरम

छुटटी के दिन घर में ऐसी खिचड़ी बनाने में बड़ों की मदद करो।

खाने से जुड़ी कुछ अन्य क्रियाएँ भी सोचो।

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