NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 5 पर्वत प्रदेश में पावस -सुमित्रानंदन पंत 


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NCERT Solutions for Chapter 5 सुमित्रानंदन पंत - पर्वत प्रदेश में पावस (Sumitranandan Pant - Parvat Pradesh me Pavas)

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सुमित्रानंदन पंत (Sumitranandan Pant) 1900-1977

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  • Important Questions for सुमित्रानंदन पंत – पर्वत प्रदेश में पावस Class 10 Hindi
  • MCQ for सुमित्रानंदन पंत – पर्वत प्रदेश में पावस Class 10 Hindi

Topics Covered

(क) प्रश्नोत्तर 

(ख) भाव स्पष्ट

(ग) कविता का सौंदर्य

NCERT Solutions for Chapter 5 सुमित्रानंदन पंत – पर्वत प्रदेश में पावस Class 10 Hindi प्रश्नोत्तर

क. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

1. पावस ऋतु में प्रकृति में कौन-कौन से परिवर्तन आते हैं? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

पावस ऋतु के समय प्रकृति में निम्नलिखित परिवर्तन आते हैं-

  1. प्रकृति पल-पल परिवर्तित होती रहती है।
  2. करधनी के समान, दूर तक फैली पर्वतीय श्रंखला पर खिले हजारों फूल ऐसे प्रतीत होते है, मानो पर्वत अपनी पुष्प-रूपी आंखों से आसमान को निहार रहा है।
  3. पर्वत के चरणों में फैला तालाब दर्पण के समान दिखाई पड़ता है।
  4. मोती की लड़ियों के समान प्रतीत होने वाले झाग से भरे झरने, पहाड़ का गौरव गाते हुए बहते है।
  5. पर्वत पर उगे ऊंचे-ऊंचे पेड़ चिंतित दृष्टि से आसमान को निहारते है।
  6. बादलों के पीछे छिपे पर्वत ऐसे प्रतीत होते है, मानो पंख लगा कर कहीं उड़ गए हो।
  7. ताल से उठता हुआ कोहरा, आग लगने से उठते हुए धुएं की तरह प्रतीत होता है।
  8. इधर-उधर तेजी से घूमते बादलों को देखकर ऐसा लगता है, मानो जलद-यान में बैठकर इंद्र-देवता घूम रहे हो और अपनी जादूगरी कहां प्रदर्शन कर रहे हो।


2. ‘मेखलाकार’ शब्द का क्या अर्थ है? कवि ने इस शब्द का प्रयोग यहाँ क्यों किया है?

उत्तर

‘मेखलाकार’शब्द का अर्थ है, करधनी के आकार का अर्थ अर्थ कमरबंद के जैसा। कवि ने यह शब्द दूर-दूर तक फैली, लंबी पर्वतीय श्रृंखला के लिए प्रयुक्त किया है; क्योंकि बहुत दूर तक फैली हुई पर्वतीय श्रृंखला पृथ्वी के कमरबंद जैसी प्रतीत हो रही थी। कवि ने यह शब्द कविता का सौंदर्य बढ़ाने और प्रकृति के सौंदर्य का सहज वर्णन करने के लिए किया है।


3. ‘सहस्र दृग-सुमन’ से क्या तात्पर्य है? कवि ने इस पद का प्रयोग किसके लिए किया होगा?

उत्तर

‘सहस्त्र दृग-सुमन’ से कवि ने हजारों पुष्प रूपी आंखों को दर्शाया है। प्रस्तुत कविता में कवि ने इस पद का प्रयोग पहाड़ पर खिले हजारों फूलों के लिए किया है, जिनका मुख आकाश की ओर है। कवि ने पुष्पों में पर्वत की आंखों की कल्पना की है और कवि को ऐसा प्रतीत होता है, मानो पर्वत अपनी हजारों पुष्प रूपी आंखों से आकाश को निहार रहा है।


4. कवि ने तालाब की समानता किसके साथ दिखाई है और क्यों?

उत्तर

प्रस्तुत कविता में कवि ने तालाब को दर्पण के समान बताया है क्योंकि तालाब का जल अत्यंत स्वच्छ और निर्मल होता है, जिसमें अपना प्रतिबिंब आसानी से देखा जा सकता है। जिस प्रकार दर्पण में हम अपना प्रतिबिंब देखते है, उसी प्रकार पर्वत भी तालाब में अपना प्रतिबिंब देखता-सा जान पड़ता है। कविता में कवि ने प्रकृति के सौंदर्य का वर्णन किया है और उसे बढ़ाने के लिए उपरोक्त रूपक अलंकार का प्रयोग किया है।


5. पर्वत के हृदय से उठकर ऊँचे-ऊँचे वृक्ष आकाश की ओर क्यों देख रहे थे और वे किस बात को प्रतिबिंबित करते हैं?

उत्तर

पर्वत के हृदय से उठकर ऊँचे-ऊँचे वृक्ष आकाश की ओर देख रहे थे क्योंकि वे उसकी ऊंचाइयों को छूने की आकांक्षा रखते थे। वे वृक्ष मनुष्य के हृदय की उच्चाकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करते है और यह संदेश देते है कि मनुष्य को निरंतर अपने लक्ष्य पर नजर टिकाये रखनी चाहिए और बिना लक्ष्य की ऊंचाई की परवाह किए, उसकी ओर अग्रसर रहना चाहिए। अपने मन की आकांक्षाओं को करने के लिए स्थिर मन व एकाग्रता आवश्यकता होती है।


6. शाल के वृक्ष भयभीत होकर धरती में क्यों धँस गए?

उत्तर

शाल के वृक्ष भयभीत होकर धरती में धंस गए क्योंकि तेज वर्षा के कारण ऐसा लग रहा था, जैसे आसमान धरती पर टूट पड़ा हो। तालाबों से उठता हुआ कोहरा ऐसा प्रतीत हो रहा था, मानो पूरे पर्वत पर आग लग गई हो और उसमें से धुआं निकल रहा हो। वर्षा का ऐसा प्रचंड रूप देखकर पर्वत के हृदय से उठे उच्चाकांक्षाओं के समान ऊंचे-ऊंचे पेड़ भयभीत हो गए।


7. झरने किसके गौरव का गान कर रहे हैं? बहते हुए झरने की तुलना किससे की गई है?

उत्तर

झड़ने ऊंचे पर्वत के गौरव का गान कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे नस-नस में उत्तेजता लिए, मस्ती में बहते झरने पर्वत की महानता का गुणगान कर रहे हैं। झाग से भरे बहते झरने मोतियों की लड़ियों जैसे प्रतीत हो रहे हैं।


NCERT Solutions for Chapter 5 सुमित्रानंदन पंत – पर्वत प्रदेश में पावस Class 10 Hindi भाव स्पष्ट

ख. निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-

1. है टूट पड़ा भू पर अंबर

उत्तर

प्रस्तुत पाठ में कवि ने पर्वत प्रदेश में आई मूसलाधार वर्षा का वर्णन किया है और उपरोक्त पंक्ति में बताया है कि वर्षा इतनी तेज और भीषण गर्जना के साथ हो रही है कि ऐसा लग रहा है, जैसे आसमान धरती पर टूट पड़ा हो।


2. यों जलद-यान में विचर-विचर
था इंद्र खेलता इंद्रजाल।

उत्तर

प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने कहा है कि इधर-उधर घूमते बादलों को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे वर्षा के देवता, इंद्रदेव बादलों पर सवार होकर इधर-उधर घूम रहे हैं और पल-पल प्रकृति में परिवर्तन लाकर अपना जादुई करतब दिखा रहे हैं।


3. गिरिवर के उर से उठ-उठ कर
उच्चाकांक्षाओं से तरुवर
हैं झाँक रहे नीरव नभ पर
अनिमेष, अटल, कुछ चिंतापर।

उत्तर

जिस प्रकार मनुष्य के मन में बड़ी-बड़ी आकांक्षाएं उठती है, उसी प्रकार पर्वत के हृदय से भी आकाश को छूने की उच्चाकांक्षाओं के समान उठे, ऊंचे-ऊंचे पेड़ चिंतित होकर नीले नभ को निहार रहे हैं।


NCERT Solutions for Chapter 5 सुमित्रानंदन पंत – पर्वत प्रदेश में पावस Class 10 Hindi कविता का सौंदर्य

1. इस कविता में मानवीकरण अलंकार का प्रयोग किस प्रकार किया गया है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

कवि सुमित्रनंदन पंत द्वारा कविता में कई स्थानों पर मानवीकरण अलंकार का प्रयोग किया गया है। यह प्रयोग करके कवि द्वारा प्रकृति में जान डाल दी है जिससे प्रकृति सजीव प्रतीत हो रही है| काव्य में इसी प्रकार के प्रयोग को मानवीकरण अलंकार कहा जाता है| जैसे पर्वत द्वारा अपने फूल रूपी नेत्रों के माध्यम से अपना प्रतिबिंब निहारते हुए गौरव अनुभव करना, पेड़ो द्वारा उच्च आकांक्षा से आकाश की ओर देखना, बादल का पंख फड़फड़ाना, इंद्र द्वारा बादल रूपी यान पर बैठकर जादुई खेल दिखाना, सभी में मानवीकरण अलंकार का प्रयोग है|


2. आपकी दृष्टि में इस कविता का सौंदर्य इनमें से किस पर निर्भर करता है
(क) अनेक शब्दों की आवृत्ति पर।

(ख) शब्दों की चित्रमयी भाषा पर।

(ग) कविता की संगीतात्मकता पर।

उत्तर

कविता का सौंदर्य इन सभी पर निर्भर करता है-

उदाहरण के लिए-

(क) अनेक शब्दों की आवृत्ति पर।

इसके उपयोग से कविता में लय आया है

  1. गिरी का गौरव गाकर झर-झर।
  2. मद में नस-नस उत्तेजित कर।
  3. गिरिवर के उर से उठ-उठ कर।

(ख) शब्दों की चित्रमयी भाषा पर।

इसका प्रयोग कर कवि द्वारा प्रकृति में जान डाल दी गयी है जिससे प्रकृति सजीव प्रतीत हो रही है-

  1. मेखलाकार पर्वत अपार।
  2. उड़ गया, अचानक लो, भूधर।
  3. फड़का अपार पारद के पर।

(ग) कविता की संगीतात्मकता पर-

  1. इसने कविता को और अधिक आकर्षक बनाया है |


3. कवि ने चित्रात्मक शैली का प्रयोग करते हुए पावस ऋतु का सजीव चित्र अंकित किया है। ऐसे स्थलों को
छाँटकर लिखिए।

उत्तर

इस प्रकार के स्थल निम्नलिखित हैं-

(क) मेखलाकार पर्वत अपार

अनेक सहस्र दृग-सुमन फाड़,

अवलोक रहा है बार-बार

नीचे जल मे निज महाकार,

(ख) गिरिवर के उर से उठ-उठ कर

उच्चाकांक्षाओं से तरुवर

हैं झाँक रहे नीरव नभ पर

अनिमेष, अटल, कुछ चिंतापर।

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