NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 10 बड़े भाई साहब - प्रेमचंद


Chapter Name

NCERT Solutions for Chapter 10 प्रेमचंद – बड़े भाई साहब (Bade Bhai Sahab - Premchand)

Author Name

प्रेमचंद्र (Premchand) 1880-1936

Related Study

  • Summary of प्रेमचंद – बड़े भाई साहब Class 10 Hindi
  • Important Questions for प्रेमचंद – बड़े भाई साहब Class 10 Hindi
  • MCQ for प्रेमचंद – बड़े भाई साहब Class 10 Hindi

Topics Covered

  • मौखिक
  • लिखित
  • भाषा अध्ययन

प्रश्न -अभ्यास 

NCERT Solutions for Chapter 10 प्रेमचंद – बड़े भाई साहब Class 10 Hindi मौखिक

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-

1. कथा नायक की रुचि किन कार्यों में थी?

उत्तर

कथा नायक की रुचि मैदान में कंकरिया उछालने, कागज की तितलियां उड़ाने, मैदान की चारदीवारी पर चढ़कर नीचे कूदने, उसके फाटक पर सवार होकर उसकी मोटरकार चलाने, फुटबॉल, कबड्डी, वॉलीबॉल, आदि खेलने में थी। मैदान की सुखद हरियाली और हवा के हल्के-हल्के झोंके उनको आनंदित करते थे।


2. बड़े भाई साहब छोटे भाई से हर समय पहला सवाल क्या पूछते थे?

उत्तर

जब भी लेखक कहीं बाहर से आते थे, तब बड़े भाई साहब का उनसे हमेशा एक ही सवाल होता था- ‘कहां थे?’


3. दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया?

उत्तर

दूसरी बार पास होने पर छोटा भाई पहले से अधिक स्वच्छंद और घमंडी हो गया था। वह बड़े भाई की सहिष्णुता का अनुचित लाभ उठाकर अपनी मनमानी करने लगा था।


4. बड़े भाई साहब छोटे भाई से उम्र में कितने बड़े थे और वे कौन-सी कक्षा में पढ़ते थे?

उत्तर

बड़े भाई साहब छोटे भाई से पांच साल बड़े थे, लेकिन केवल तीन दरजे आगे थे। बड़े भाई की उम्र चौदह साल थी और छोटे भाई की नौ साल थी, लेकिन फिर भी बड़े भाई नौवीं कक्षा में थे और छोटे भाई पांचवी में।

5. बड़े भाई साहब दिमाग को आराम देने के लिए क्या करते थे?

उत्तर

बड़े भाई साहब दिमाग को आराम देने के लिए अपनी कॉपी व किताबों के हाशियों पर चिड़ियों, कुत्तों व बिल्लियों की तस्वीरें बनाया करते थे। कभी-कभी एक ही नाम, शब्द या वाक्य को दस-बीस बार लिखते थे। कभी एक ही शेर को बार-बार सुंदर अक्षरों में नकल करते थे और कभी ऐसी शब्द-रचना करते थे, जिसका कोई अर्थ नहीं निकलता था।


NCERT Solutions for Chapter 10 प्रेमचंद्र – बड़े भाई साहब Class 10 Hindi लिखित

क. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 पक्तियों में) लिखिए-

1. छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम-टेबिल बनाते समय क्या-क्या सोचा और फिर उसका पालन क्यों नहीं कर पाया?

उत्तर

छोटे भाई ने बड़े भाई की लताड़ सुनकर दृढ़-निश्चय कर लिया कि वह अब मन लगाकर पढ़ाई करेगा, खूब मेहनत करके अच्छे अंक प्राप्त करेगा और बड़े भाई साहब को शिकायत का मौका नहीं देगा। इस सोच के साथ वह पढ़ाई का टाइम-टेबल बनाता है; लेकिन पहले ही दिन खेलकूद लिप्त होकर उसकी अवहेलना शुरू कर देता है।


2. एक दिन जब गुल्ली-डंडा खेलने के बाद छोटा भाई बड़े भाई साहब के सामने पहुँचा तो उनकी क्या प्रतिक्रिया हुई?

उत्तर

एक दिन छोटे भाई के दिनभर गुल्ली-डंडा खेलने पर बड़े भाई साहब ने उसे आड़े हाथों ले लिया। उन्होंने उसे रावण का उदाहरण देकर कहा कि कक्षा में अव्वल आने पर इतना घमंड करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि छोटी कक्षा में अव्वल आना बहुत आसान है और अगर उसे पढ़ाई-लिखाई न करके ऐसे गुल्ली-डंडा ही खेलना है तो वह अपने दादा की गाढ़ी कमाई को व्यर्थ न बहाकर गांव लौट जाए।


3. बड़े भाई साहब को अपने मन की इच्छाएँ क्यों दबानी पड़ती थीं?

उत्तर

बड़े भाई साहब पर बड़ा भाई होने की जिम्मेदारी थी और वे अपने छोटे भाई को कोई भी गलत उदाहरण नहीं देना चाहते थे। वे उसके सामने स्वयं को एक आदर्शवादी और सभ्य व्यक्ति के रूप में चित्रित करना चाहते थे, क्योंकि छोटे भाई-बहन बड़ों को देखकर ही सीखते हैं।


4. बड़े भाई साहब छोटे भाई को क्या सलाह देते थे और क्यों?

उत्तर

बड़े भाई समय-समय पर छोटे भाई को डांट-फटकार लगाते रहते थे और उसे मेहनत व परिश्रम करने की सलाह देते थे। वे उसे कक्षा में अव्वल आने पर अभिमान न करने व खेल-कूद से मन हटाकर, कठिन परिश्रम करने को कहते हैं।


5. छोटे भाई ने बड़े भाई साहब के नरम व्यवहार का क्या फायदा उठाया?

उत्तर

छोटे भाई ने बड़े भाई के नरम व्यवहार और उनकी सहिष्णुता का अनुचित फायदा उठाना शुरू कर दिया। पहले की अपेक्षा छोटे भाई का अभिमान और आत्मसम्मान बढ़ गया। उसके मन से बड़े भाई साहब का डर और आतंक खत्म हो गया था, इसलिए अब वह पढ़ने-लिखने की बजाय हर समय खेलने-कूदने में लगा रहता था। उसे लगने लगा था कि वह बिना पढ़े ही हमेशा की तरह परीक्षा में पास हो ही जाएगा।


ख. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-

1. बड़े भाई की डाँट-फटकार अगर न मिलती, तो क्या छोटा भाई कक्षा में अव्वल आता? अपने विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर

मुझे लगता है कि छोटे भाई का कक्षा में अव्वल आना बड़े भाई की डांट-फटकार का ही परिणाम था, क्योंकि छोटे भाई को तो पढ़ाई-लिखाई में कोई रुचि नहीं थी। उसका मन तो सिर्फ अपने दोस्तों के साथ खेलने-कूदने, कंकर-पत्थर उछालने, घूमने फिरने और मेले-तमाशों में लगता था। छोटा भाई बड़े भाई के डर, पाबंदियों और रोक-टोक की वजह से एक-दो घंटे पढ़ाई कर लेता था, जिसके परिणामस्वरूप वह पास हो गया।


2. इस पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के किन तौर-तरीकों पर व्यंग्य किया है? क्या आप उनके विचार से सहमत हैं?

उत्तर

प्रस्तुत पाठ में लेखक द्वारा समूची शिक्षा पर किए गए व्यंग्य से हम पूरी तरह सहमत है, क्योंकि हमारे शिक्षा प्रणाली में व्यवहारिक ज्ञान को महत्व न देकर सिर्फ सैद्धांतिक और किताबी ज्ञान को महत्व दिया गया है। शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य होता है व्यक्ति को समझदार, ज्ञानी, लायक और सभ्य बनाना। लेकिन वर्तमान शिक्षा नीति में रटंत विद्या पर जोर दिया जाता है और विद्यार्थी की बुद्धिमता को उसके अंको से मापा जाता है। वर्तमान शिक्षा प्रणाली बच्चों के संपूर्ण विकास पर जोड़ नहीं देती, जोकि उचित नहीं है।


3. बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ कैसे आती है?

उत्तर

बड़े भाई के अनुसार जीवन की समझ किताबी ज्ञान से नहीं बल्कि तजुर्बे और अनुभव से आती है। हमारे बड़े बुजुर्गों को भले ही किताबी ज्ञान ना हो, लेकिन उनके पास जीवन का जो तजुर्बा है वह इस किताबी ज्ञान से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। शिक्षा का मुख्य उद्देश्य होता है अपनी समझ को विकसित करना ताकि जीवन में आने वाली हर कठिनाई का सामना सूझ-बूझ और समझदारी से किया जा सके। अत: किताबी ज्ञान से व्यक्ति की सोच विकसित होती है और तजुर्बे अनुभव से जीवन की समझ आती है।


4. छोटे भाई के मन में बड़े भाई साहब के प्रति श्रद्धा क्यों उत्पन्न हुई?

उत्तर

जब बड़े भाई साहब फेल हो गए और छोटा भाई अपने दर्जे में अव्वल आ गया, तब छोटे भाई को स्वयं पर अभिमान होने लगा की वह खेलते-कूदते भी पास हो गया। अपने इस घमंड के कारण उसके मन से बड़े भाई साहब का डर खत्म हो गया और उनके डर से वह जो थोड़ा बहुत पढ़ लिया करता था वह भी खत्म हो गया। अब वह हर समय सिर्फ खेलता-कूदता रहता था। बड़े भाई साहब ने उसकी इस मनोस्थिति को भांप लिया और उसे डांटते हुए जीवन के अनुभव का महत्व समझाया। उनकी बातें सुनने के बाद छोटे भाई को समझ आया कि उसका कक्षा में अव्वल आना बड़े भाई साहब की डांट-फटकार का ही नतीजा है। इस एहसास ने छोटे भाई के मन में बड़े भाई के प्रति श्रद्धा उत्पन्न कर दी।


5. बड़े भाई की स्वभावगत विशेषताएँ बताइए?

उत्तर

बड़े भाई साहब परिश्रमी और अध्ययनशील विद्यार्थी थे। वे हमेशा पढ़ाई-लिखाई में लगे रहते थे और कड़ी मेहनत करते थे। वे अपनी जिम्मेदारियों से भली-भांति परिचित थे और स्वयं की इच्छाओं और आकांक्षाओं को दबाकर, छोटे भाई के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाते थे। वे बहुत ही समझदार और परिपक्व थे, उन्हें अनुभव और तजुर्बे से आने वाली जीवन की असली समझ का महत्व पता था; और इसलिए वह हमेशा अपने छोटे भाई को समझाते रहते थे।


6. बड़े भाई साहब ने जिंदगी के अनुभव और किताबी ज्ञान में से किसे और क्यों महत्वपूर्ण कहा है?

उत्तर

प्रस्तुत पाठ में बड़े भाई साहब ने जिंदगी के अनुभव और किताबी ज्ञान में से अनुभव को ज्यादा महत्वपूर्ण कहा है, क्योंकि किताबी ज्ञान और व्यवहारिकता में बहुत अधिक फर्क होता है। असली जिंदगी किताबों से बहुत अलग होती हैं, जो सिर्फ अनुभव और तजुर्बे से समझी जा सकती है। जिस प्रकार भट्टी का ताप कच्चे घड़े को पकाकर मजबूत बना देता है, उसी प्रकार जीवन में आने वाली विपरीत परिस्थितियां भी मनुष्य को परिपक्व बना देती है।


7. बताइए पाठ के किन अंशों से पता चलता है कि-

(क). छोटा भाई अपने भाई साहब का आदर करता है।
(ख). भाई साहब को जिंदगी का अच्छा अनुभव है।
(ग). भाई साहब के भीतर भी एक बच्चा है।
(घ). भाई साहब छोटे भाई का भला चाहते हैं।

उत्तर

(क). प्रस्तुत पाठ में बताया गया है कि छोटा भाई बड़े भाई से डरता है और उनके डांटने पर कुछ नहीं बोलता, क्योंकि वह उनका आदर करता है। जब पतंग लूटते समय बड़े भाई साहब उसे पकड़ लेते हैं और डांट-फटकार लगाते हैं, तब उनकी बातें सुनकर उसे अपनी छोटी सोच का एहसास होता है और उसके मन में बड़े भाई साहब के प्रति आदर और सम्मान की भावना बढ़ जाती है।

(ख). बड़े भाई साहब हर वक्त पढ़ाई-लिखाई करते रहते थे और बेहद परिश्रमी थे। उन्हें इस चीज का एहसास था कि उनके दादा उनकी पढ़ाई के लिए बहुत अधिक मेहनत करते हैं। उन्हें अपने छोटे भाई के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का भी भली-भांति एहसास था। वे अपने छोटे भाई को सही राह दिखाने के लिए अपनी इच्छाओं और आकांक्षाओं को दबा लेते थे। उन्हें अनुभव, तजुर्बे और जीवन की समझ का महत्व भी अच्छी तरह पता था। इन सबसे पता चलता है कि बड़े भाई साहब बहुत ही परिपक्व और समझदार थे।

(ग). जब बड़े भाई साहब लेखक को पतंग के पीछे भागते हुए देखते हैं, तब वे उसे समझाते हैं और पढ़ाई-लिखाई, ज्ञान, अनुभव व तजुर्बे का महत्व बताते हैं। वे उससे कहते हैं कि उनका भी मन होता है पतंगबाजी करने का और खेलने-कूदने का, लेकिन छोटे भाई के प्रति अपनी जिम्मेदारी की वजह से वे अपनी आकांक्षाओं और इच्छाओं को दबा देते हैं। यह सब कहकर वे उस पतंग को लेकर खुशी से दौड़ने लगते हैं। इससे हमें पता चलता है कि बड़े भाई साहब के भीतर भी एक बच्चा है।

(घ). जब भी छोटा भाई खेलने-कूदने और फालतू कामों में लगा रहता था, तब बड़े भाई साहब उसे डांटते थे और उसे जीवन में पढ़ाई-लिखाई व समय का महत्व समझाते थे। वे उसे हमेशा डराते-धमकाते रहते थे, ताकि वह उनके डर से पढ़-लिख ले और अपना समय व्यर्थ न गवांकर किसी काबिल बन जाए। इससे यह साफ ज़ाहिर होता है कि बड़े भाई साहब अपने छोटे भाई का भला चाहते थे।


ग. निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-

1. इम्तिहान पास कर लेना कोई चीज नहीं, असल चीज है बुद्धि का विकास।

उत्तर

प्रस्तुत पंक्ति का आशय है कि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य होता है, ज्ञान पाना और व्यक्ति की सोच-समझ व बुद्धि का विकास, ना कि सिर्फ अच्छे अंक लाकर इम्तिहान पास कर लेना। शिक्षा द्वारा प्राप्त हुए ज्ञान को व्यवहार में लाने और अनुभव के द्वारा बुद्धि का सही विकास किया जा सकता है।


2. फिर भी जैसे मौत और विपत्ति के बीच भी आदमी मोह और माया के बंधन में जकड़ा रहता है, मैं फटकार और घुडकियाँ खाकर भी खेल-कूद का तिरस्कार न कर सकता था।

उत्तर

इन पंक्तियों में लेखक कहना चाहता है कि व्यक्ति के जीवन में चाहे कैसी-भी परिस्थितियां आ जाए, लेकिन वह अपना व्यक्तिगत स्वभाव और मोह नहीं छोड़ सकता। ठीक इसी प्रकार बड़े भाई से डांट-फटकार खाने के बावजूद भी छोटा भाई फिर खेलने-कूदने चला जाता था।


3. बुनियाद ही पुख्ता न हो, तो मकान कैसे पायेदार बने?

उत्तर

प्रस्तुत पंक्तियां लेखक के बड़े भाई ने कही थी; जिनका तात्पर्य है कि जिस प्रकार मकान की मजबूती उसकी नींव पर निर्भर करती है और मजबूत भवन, पुख्ता बुनियाद का ही परिणाम होता है, उसी प्रकार अच्छे भविष्य के लिए शिक्षा की पुख्ता बुनियाद अनिवार्य होती है।


4. आँखें आसमान की ओर थीं और मन उस आकाशगामी पथिक की ओर, जो मंद गति से झूमता पतन की ओर चला आ रहा था, मानो कोई आत्मा स्वर्ग से निकलकर विरक्त मन से नए संस्कार ग्रहण करने जा रही हो।

उत्तर

प्रस्तुत पंक्तियों का आशय है कि लेखक पतंग लूटने में इतना मंत्र-मुग्ध था कि दुनिया से बेखबर होकर वह लगातार उस पर नजरें गड़ाए आसमान की ओर मुख करते हुए दौड़ता चला जा रहा था, जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो वह अपने-आप ही पतंग की और खींचता चला जा रहा है।


NCERT Solutions for Chapter 10 प्रेमचंद्र – बड़े भाई साहब Class 10 Hindi भाषा अध्ययन

1. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए –
नसीहत, रोष, आजादी, राजा, ताजुब्ब।

उत्तर

  • नसीहत – सलाह, उपदेश।
  • रोष – गुस्सा द्वेष।
  • आजादी – स्वतंत्रता, स्वाधीनता।
  • राजा – शासक, बादशाह।
  • ताजुब्ब – आश्चर्य, हैरानी।


2. प्रेमचंद की भाषा बहुत पैनी और मुहावरेदार है। इसीलिए इनकी कहानियाँ रोचक और प्रभावपूर्ण होती हैं। इस कहानी में आप देखेंगे कि हर अनुच्छेद में दो-तीन मुहावरों का प्रयोग किया गया है।

निम्नलिखित मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए –

सिर पर नंगी तलवार लटकना, आड़े हाथों लेना, अंधे के हाथ बटेर लगना, लोहे के चने चबाना, दाँतों पसीना आना, ऐरा-गैरा नत्थू खैरा।

उत्तर

  1. परीक्षा के दिन ऐसे लगते मानो सिर पर नंगी तलवार लटक रही हो।
  2. कुछ देर तक तो भूषण उनकी बातें सुनता रहा लेकिन, फिर उसने उन्हें आड़े हाथों लेना शुरु किया तो उनके पसीने छुड़वा दिए।
  3. सुधीर कम्प्यूटर नहीं जानता, फिर भी उसके पिता ने उसे नया कम्प्यूटर दिला दिया। ये तो वही बात हुई कि ‘अंधे के हाथ बटेर लगना’।
  4. राणा प्रताप को हराने के लिए अकबर को लोहे के चने चबाने पड़े थे।
  5. क्रिकेट के मैदान में से कुत्तों को बाहर खदेड़ने में माली को दाँतों पसीना आ गया।
  6. राम को हराना किसी भी ऐरे गैरे नत्थू खैरे के बस की बात नहीं है।


3. निम्मलिखित तत्सम, तद्भव, देशी, आगत शब्दों को दिए गए उदाहरणों के आधार पर छाँटकर लिखिए।

तालीम, जल्दबाजी, पुख्ता, हाशिया, चेष्टा, जमात, हर्फ़, सूक्तिबाण, जानलेवा, आँखफोड, घुडकियाँ, आधिपत्य, पन्ना, मेला-तमाशा, मसलन, स्पेशल, स्कीम, फटकार, प्रात :काल, विद्वान, निपुण, भाई साहब, अवहेलना, टाइम-टेबिल।

उत्तर

  • तत्सम शब्द – चेष्टा, निपुण, अवहेलना, प्रातः काल, आधिपत्य, सूक्तिबाण, विद्वान, अवहेलना।
  • तद्भव शब्द – घुडकियां, पन्ना।
  • देशज शब्द – जानलेवा, आंखफोड़, मेला-तमाशा, फटकार, भाई साहब।
  • आगत शब्द – तालीम, जल्दबाजी, हाशिया, स्पेशल, टाइम-टेबल, पुख्ता, स्कीम, जमात, हर्फ़, तमाशा, मसलन।


4. नीचे दिए वाक्यों में कौन-सी क्रिया है- सकर्मक या अकर्मक? लिखिए-

(क) उन्होंने वहीं हाथ पकड़ लिया।
(ख) फिर चोरों-सा जीवन कटने लगा।
(ग) शैतान का हाल भी पढ़ा ही होगा।
(घ) मैं यह लताड़ सुनकर आँसू बहाने लगता।
(ङ) समय की पाबंदी पर एक निबंध लिखो।
(च) मैं पीछे – पीछे दौड़ रहा था।

उत्तर

(क). सकर्मक
(ख). सकर्मक
(ग). सकर्मक
(घ). सकर्मक
(ड़). सकर्मक
(च). अकर्मक


5. ‘इक’ प्रत्यय लगाकर शब्द बनाइए-
विचार, इतिहास, संसार, दिन, नीति, प्रयोग, अधिकार।

उत्तर

  • विचार – वैचारिक
  • इतिहास – ऐतिहासिक
  • संसार – सांसारिक
  • दिन – दैनिक
  • नीति – नैतिक
  • प्रयोग – प्रायोगिक
  • अधिकार – अधिकारिक

Previous Post Next Post