NCERT Solutions for Chapter 5 जहाँ चाह वहाँ राह Class 5 Hindi

प्रस्तुत कहानी इला सचानी नाम की एक लड़की कि है, जिसका हाथ काम नहीं करता। कहानी मे उसके दृढ़ इच्छाशक्ति और हौसले का वर्णन किया गया है। इला सचानी छब्बीस साल की है । वह हाथ से करने वाले सभी कामों को पैरों से करने की कोशिश करती रहती है। वह भोजन करना, दूसरों के बाल बनाना, फर्श बुहारना, कपड़े धोना, तरकारी काटना, तख्ती पर लिखना आदि सारे काम पैरों से करना सीख चुकी है। इला दसवीं की परीक्षा पास नहीं कर पाई क्योंकि वह दिए गए समय में लिखने का काम पूरा नहीं कर पाई थी । उसे यह पता नहीं था कि परीक्षा में उसके लिए लिखने का काम कोई दूसरा इंसान कर सकता है । उसे इस बात का बहुत अफ़सोस है। पन्द्रह-सोलह साल की उम्र मे इला ने काठियावाड़ी कशीदाकारी में महारत हासिल कर ली थी । एक दिन उसके द्वारा बनाए गए कपड़ों की प्रदर्शनी लगी इला की आँखों में चमक दिखाई देती है |  इस प्रकार इला अपंग होते हुए भी बहुत से लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है ।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें कठिनाइयों का डटकर सामना करना चाहिए ।

NCERT Solutions for Class 5th Hindi Chapter 5 जहाँ चाह वहाँ राह


जहाँ चाह वहाँ राह Questions and Answers


Chapter Name

जहाँ चाह वहाँ राह NCERT Solutions

Class

CBSE Class 5

Textbook Name

Rimjhim

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जहाँ चाह वहाँ राह

प्रश्न 1. इला या इला जैसी कोई लड़की यदि तुम्हारी कक्षा में दाखिला लेती तो तुम्हारे मन में कौन-कौन-से प्रश्न उठते?

उत्तर: इला या इला जैसी कोई लड़की यदि मेरी कक्षा में दाखिला लेती तो मेरे मन में तरह-तरह के प्रश्न उठते,

जैसे

  • वह कपड़े कैसे पहनती होगी?
  • वह कैसे खाती होगी?
  • वह अपना गृहकार्य कैसे करती होगी?
  • वह अपने बाल कैसे संवारती होगी?
  • कहीं खुजली होने पर वह कैसे खुजलाती होगी?

 

प्रश्न 2. इस लेख को पढ़ने के बाद क्या तुम्हारी सोच में कुछ बदलाव आए?

उत्तर: पहले मुझे लगता था कि अपंग व्यक्ति शारीरिक रूप से ही नहीं वरन् मानसिक रूप से भी कमजोर होते हैं। उन्हें सहारे और सहानुभूति की जरूरत होती है। वे खुद से कोई काम नहीं कर सकते, स्कूल में दाखिला लेकर लिखने-पढ़ने की बात तो बहुत दूर है। लेकिन अब मेरी सोच बिल्कुल बदल गई है। अब मैं उन्हें आत्मविश्वास और साहस से भरा पाती हूँ। वे हमसे थोड़ा भी कम नहीं है बल्कि कभी-कभी तो कार्यकुशलता में वे हमसे इतने आगे हो जाते हैं कि वे हमसे नहीं, हम उनसे प्रेरणा लेने लग जाते हैं।

 

मैं भी कुछ कर सकती हूँ..

प्रश्न 1. यदि इला तुम्हारे विद्यालय में आए तो उसे किन-किन कामों में परेशानी आएगी?

उत्तरः उसे अपना स्कूल बैग ढ़ोने में, लिखने में, बेंच अगर सीधा नहीं है तो उसे सीधा करने में, अपनी कक्षा के साथियों के साथ झूला आदि खेलने में परेशानी आएगी।

 

प्रश्न 2. उसे यह परेशानी न हो इसके लिए अपने विद्यालय में क्या तुम कुछ बदलाव सुझा सकती हो?

उत्तर: उसके लिए एक लिखने वाले की व्यवस्था की जाए या उसे सब कुछ मौखिक पढ़ाया जाए।

 

प्यारी इला....

इला के बारे में पढ़कर जैसे भाव तुम्हारे मन में उठ रहे हैं उन्हें इला को चिट्ठी लिखकर बताओ। चिट्ठी की रूपरेखा नीचे दी गई है।

उत्तरः 

प्रीत विहार

नई दिल्ली दिनांक 5 मार्च 2012

प्रिय इला जब पहली बार मैंने तुम्हें देखा तो मुझे लगा कि तुम अपने सारे काम किसी दूसरे से करवाती होगी। लेकिन अब तो मुझे तुम पर गर्व होता है। तुम आत्मविश्वास से भरी हो। तुम अपनी अपंगता को अपनी दृढ़ इच्छा- शक्ति पर कभी हावी नहीं होने देती। हाथ नहीं होने के बावजूद तुम कशीदाकारी जैसी मुश्किल कला में निपुणता हासिल कर ली हो। यह वाकई बेमिशाल है। हम हाथ वाले भी ऐसा काम नहीं कर पाते। तुम मेरे लिए ही नहीं सबके लिए प्रेरणा की स्रोत हो । भगवान तुम्हारे आत्मविश्वास और दृढ़ इच्छाशक्ति को बनाए रखे और तुम सफलता पर सफलता हासिल करती जाओ। इन्हीं कामनाओं के साथ।

तुम्हारा / तुम्हारी।

सुरभि

 

सवाल हमारे, जवाब तुम्हारे

प्रश्न 1. इला को लेकर स्कूल वाले चिंतित क्यों थे? उनका चिंता करना सही था या नहीं? अपने उत्तरः का कारण लिखो।

उत्तर: स्कूल वाले उसकी सुरक्षा और उसके काम करने की गति को लेकर अर्थात उसकी अपंगता को लेकर चिंतित थे। उनका चिंता करना कुछ हद तक सही था, कुछ हद तक नहीं। जहाँ तक उसकी सुरक्षा  संबंधी चिंता थी, वह तो सही था लेकिन उसकी अपंगता को लेकर चिंतित होना सही नहीं था क्योंकि इला कोई भी काम इतनी फुर्ती से करतीं थी कि देखने वाले दंग रह जाते थे।

 

प्रश्न 2. इला की कशीदाकारी में खास बात क्या थी?

उत्तर: इला की कशीदाकारी में काठियावाड़ के साथ-साथ लखनऊ और बंगाल की भी झलक थी। उसने काठियावाड़ी। टॉकों के साथ-साथ और कई टाँके भी इस्तेमाल किए थे। पत्तियों को चिकनकारी से सजाया था। डंडियों को कांथा से उभारा था। पशु-पक्षियों की ज्यामितीय आकृतियों को कसूती और जंजीर से उठा रखा था।

 

प्रश्न 3. सही के आगे (/) का निशान लगाओ।

इला दसवीं की परीक्षा पास नहीं कर सकी, क्योंकि.....

  • परीक्षा के लिए उसने अच्छी तरह तैयारी नहीं की थी।
  • वह परीक्षा पास करना नहीं चाहती थी।
  • लिखने की गति धीमी होने के कारण वह प्रश्न पत्र पूरे नहीं कर पाती थी।
  • उसको पढ़ाई करना कभी अच्छा लगा ही नहीं।

उत्तर: लिखने की गति धीमी होने के कारण वह प्रश्न-पत्र पूरे नहीं कर पाती थी।

 

प्रश्न 4. क्या इला अपने पैर के अंगूठे से कुछ भी करना सीख पाती, अगर उसके आस-पास के लोग उसके लिए सभी काम स्वयं कर देते और उसको कुछ करने का मौका नहीं देते ?

उत्तर: यदि इला के आस-पास के लोग उसके लिए सभी काम स्वयं कर देते और उसको कुछ करने का मौका नहीं देते। तो वह अपने पैर के अँगूठे से कुछ भी करना सीख नहीं पाती।

 

कशीदाकारी

प्रश्न 1.

(क) इस पाठ में सिलाई-कढ़ाई से संबंधित कई शब्द आए हैं। उनकी सूची बनाओ। अब देखो कि इस पाठ को पढ़कर तुमने कितने नए शब्द सीखे।

उत्तर:

 टाँका, बूटियाँ, कशीदाकारी, भरवाँ टाँके,

कांचा, बेल-बूटे, चिकनकारी, जंजीर

(ख) नीचे दी गई सूची में से किन्हीं दो से संबंधित शब्द (संज्ञा और क्रिया दोनों ही) इकट्ठा करो। फुटबाल बुनाई (ऊन) बागबानी पतंगबाजी

उत्तर:

बागवानी:  क्यारी बनाना, खुरपी,पानी पटाना,पौधे

पतंगबाजी:  पतंग, मांझा,चरखी,पतंग उड़ाना

 

प्रश्न 2. एक सादा रूमाल लो या कपड़ा काटकर बनाओ उस पर नीचे दिए गए टॉकों में से किसी एक टॉके का इस्तेमाल करते हुए बड़ों की मदद से कढ़ाई करो।

जंजीर

मछली टाँका

भरवाँ टाँका

उल्टी बखिया

खुला हुआ जंजीर टाँका

 

 ये काम कक्षा के लड़के-लड़कियाँ सब करें।

उत्तर: स्वयं करो।

 

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