NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 5 उत्साह, अट नहीं रही है - सूर्यकांत त्रिपाठी निराला


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NCERT Solutions for Chapter 5 सूर्यकांत त्रिपाठी निराला – उत्साह, अट नहीं रही है (Utsah- Att Nahi Rahi Hai - Suryakant Tripathi Nirala)

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सूर्यकांत त्रिपाठी निराला (Suryakant Tripathi Nirala) 1899-1961

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  • Summary of उत्साह, अट नहीं रही है Class 10 Hindi
  • Important Questions for उत्साह, अट नहीं रही है Class 10 Hindi
  • MCQ for उत्साह, अट नहीं रही है Class 10 Hindi

Topics Covered

  • प्रश्न अभ्यास
  • रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न अभ्यास 

NCERT Solutions for Chapter 5 उत्साह Class 10 Hindi प्रश्न अभ्यास

1. कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ को कहता है। क्यों?

उत्तर

कविता में कवि ने बादलों से रिमझिम बरसने की जगह ‘गरजने’ को कहा है क्योंकि निराला जी एक क्रांतिकारी कवि थे, जिसकी साफ़ झलक उनकी कविताओ मे दिखती है। वह समाज मे एक सकारात्मक बदलाव लाना चाहते है, जिसके लिए ज़रिया बादलो को बनाया।

निराला जी इस शब्द के प्रयोग से कविता मे स्वतः ही जोश, क्रांति, बदलाव और विरोध की भावना को जाग्रत कराना चाहते है।


2. कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है?

उत्तर

इस कविता में कवि ने बादलों के ज़रिए जन सामान्य मे क्रांतिकारी और बदलाव की भावना का सृजन उत्साहपूर्वक किया है और साथ ही हर किसी मे जीवन के प्रति उत्साह रखने की सीख दी है इसलिए कविता का शीर्षक उत्साह है।


3. कविता मे बादल किन- किन अर्थों की ओर संकेत करता है?

उत्तर

कविता मे बादल निम्नलिखित अर्थों की ओर संकेत करता है –

  • कविता मे उत्साह भरता है।
  • जन सामान्य मे क्रांतिकारी भाव पैदा करता है।
  • जल बरसाने की शक्ति रखता है।
  • कोमल कपोलो को नवजीवन प्रदान करता है।
  • पानी बरसा कर प्राणियों की प्यास को शांत करता है।


4. शब्दों का ऐसा प्रयोग जिससे कविता के किसी खास भाव या दृश्य मे ध्वन्यात्मक प्रभाव पैदा हो, नाद- सौन्दर्य कहलाता है। उत्साह कविता में ऎसे कौन से शब्द है जिनमे नाद सौन्दर्य मौजूद है, छाँटकर लिखिए।

उत्तर

कविता की इन पंक्तियो मे नाद-सौन्दर्यं मौजूद है-

  • विकल-विकल, उन्मन थे उन्मन।
  • घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!
  • ललित-ललित काले घुँघराले,
  • बाल कल्पना के से पाले।

NCERT Solutions for Chapter 5 उत्साह Class 10 Hindi रचना और अभिव्यक्ति


5. जैसे बादल उमड़-घुमड़कर बारिश करते हैं वैसे ही कवि के अंतर्मन में भी भावों के बादल उमड़-घुमड़कर कविता के रूप में अभिव्यक्त होते हैं। ऐसे ही किसी प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर अपने उमडते भावों को कविता में उतारिए|
उत्तर

सूखते खेत, अनमने मन

उद्विग्न मन, चिंतातुर कृषक

कैसे होगी, धान की रोपाई।

आकाश की ओर ताकते

सूखते धान-पौधे को देखते

छोटी बालिका।

कृषक पिता से है पूछती।

बादल क्यों नहीं बरस रहे ?

क्या चातक ने व्रत तोड़ दिया है?

वह व्रत रखे हमारे लिए

कृषक पिता ने कहा

बादलों ने सुना

बादल घुमड़-घुमड़ आए

गरजे खूब, बरसे खूब

कृषक-मन हरसे खूब

वाह! चातक-तपस्या।


NCERT Solutions for Chapter 5 अट नहीं रही है Class 10 Hindi प्रश्न अभ्यास

1. छायावाद की एक खास विशेषता है अंतर्मन्न के भावो का बाहर की दुनिया से सामंजस्य बिठाना। कविता की किन पंक्तियों को पढ़कर यह धारणा पुष्ट होती है? लिखिए।

उत्तर

कविता की निम्नलिखित पंक्तियो को पढ़कर यह धारणा पुष्ट होती है कि प्रस्तुत कविता मे अन्तर्मन के भावो का बाहरी दुनिया से सामजस्य बिठाया गया है-
आभा फागुन की तन
सट नहीं रही है।
उड़ने को नभ में तुम
पर-पर कर देते हो।
आँख हटाता हुँ तो
हट नहीं रही है।


2. कवि की आँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है?

उत्तर

कवि की आँख फागुन की सुंदरता से इसलिए नहीं हट रही है क्योंकि इस पूरे समयकाल मे प्रकृति की सुंदरता अत्यंत मनमोहक होती है।
पेड़ो पर हरे व लाल रंग की अनेको पत्तियाँ लगी होती है, जो प्रकृति की सुंदरता को और ज्यादा निखारती है।
रंग-बिरंगे फूलो से डालियाँ सजी रहती है जो आसपास अपनी कोमल सुगंध बिखेर कर पूरा वातावरण मंत्रमुग्ध कर देती है।


3. प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन किन रूपों मे किया है?

उत्तर

प्रस्तुत कविता मे कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन निग्नलिखित रूपों में किया है-

  • डालियाँ हरी व लाल पत्तियो से भर जाती है।
  • संपूर्ण वातावरण फूलो की मनमोहक सुगंध से महक उठता है।
  • हर तरफ हरियाली छा गई है।
  • हर प्रकृति दृश्य मनमोहक लग रहा है।
  • कवि अपनी नज़रे प्रकृति की सुंदरता से हटा नहीं पा २हे है।


4. फागुन में एसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओ से भिन्न होता है?

उत्तर

फागुन में प्रकृति अपनी सुंदरता का हर मनमोहक रूप सबके समक्ष रख देती है।
डालियाँ हरे व लाल पत्तों से घिर जाती है। पेड़ो पर सजे रंग बिरंगे फूल सुंदरता की अनुपम छ्टा बिखेरते प्रतीत होते है। पशु पक्षियों में भी उत्साह भर जाता है तथा मनुष्य भी प्रकृति प्रेम से सराबोर हो उठता है। इन तमाम कारणों की वजह से फागुन बाकि ऋतिओं से भिन्न होता है।


5. इन पंक्तियो के आधार पर निराला के काव्य-शिल्प की विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर

निराला जी के काव्य-शिल्प की विशेषताएँ निम्नलिखित है-

  • मानवीकरण अलंकार के प्रयोग से कवि ने कविता मे जीवन संजो दिया है।
  • कविता मे तत्सम शब्दों का उचित मात्रा में प्रयोग है।
  • प्रकृति प्रेम भाव से संपूर्ण होती कविता।
  • सरल,सहज व प्रवाहमयी भाषा का प्रयोग।
  • क्रांतिकारी स्वर के साथ सहज भाषा की सराहनीय कविता।


NCERT Solutions for Chapter 5 अट नहीं रही है Class 10 Hindi रचना और अभिव्यक्ति

1. होली के आसपास प्रकृति मे जो परिवर्तन दिखाई देते है, उन्हें लिखिए।

उत्तर

शिशिर और हेमंत काल की शरीर को अंदर तक कंपकपा और ठिठुरा देने वाली जकड़न के बाद वसंत के आगमन की सूचना देता फाल्गुन मास वातावरण में एक अजीब सा मौजमस्ती, हर्षोल्लास का रंग घोलने लगता है। वसंत ऋतु का यह काल असलियत में जीवन की नीरसता दूर कर उसमें मधुरता के संचरण का काल माना जाता है। इस मास में जब प्रकृति भिन्न-भिन्न प्रकार की कुसुम-समृद्धि से नयी-नवेली दुल्हन की तरह सजने लगती है, पवन मत्त-मयूर सा वृक्षों की डालियों के साथ अठखेलियाँ करने लगता है और अपने स्पर्श से जन-मन को पुलकित-प्रफुल्लित करने लगता है तो स्वतः ही प्रकृति में परीवर्तन होता मालूम पड़ता है।

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