NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 15 अब कहां दूसरे के दुख से दुखी होने वाले - निदा फ़ाज़ली


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NCERT Solutions for Chapter 15 अब कहां दूसरे के दुख से दुखी होने वाले - निदा फ़ाज़ली (Ab kaha dusre ke dukh se dukhi hone wale - Nida Fazali)

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निदा फ़ाज़ली (Nida Fazali) 1938

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  • Summary of निदा फ़ाज़ली - अब कहां दूसरे के दुख से दुखी होने वाले Class 10 Hindi
  • Important Questions for निदा फ़ाज़ली - अब कहां दूसरे के दुख से दुखी होने वाले Class 10 Hindi
  • MCQ for निदा फ़ाज़ली - अब कहां दूसरे के दुख से दुखी होने वाले Class 10 Hindi

Topics Covered

  • मौखिक
  • लिखित
  • भाषा अध्ययन

प्रश्न -अभ्यास 

NCERT Solutions for Chapter 15 निदा फ़ाज़ली - अब कहां दूसरे के दुख से दुखी होने वाले Class 10 Hindi मौखिक

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-

1. बड़े-बड़े बिल्डर समुद्र को पीछे क्यों धकेल रहे थे?

उत्तर

बड़े-बड़े बिल्डर लगातार बढ़ती हुई आबादी की वज़ह से लोगों के रहने के लिए कम पड़ रही जगह की समस्या से निपटने के लिए समुद्र को पीछे धकेल रहे है।


2. लेखक का घर किस शहर में था?

उत्तर

पहले लेखक का घर ग्वालियर हुआ करता था और बाद में वे बम्बई में वर्सोवा नामक स्थान में रहने लगे।


3. जीवन कैसे घरों में सिमटने लगा है?

उत्तर

पहले बड़े-बड़े दालानों-आंगनों में लोग मिल-जुलकर रहते थे, लेकिन अब छोटे-छोटे डिब्बों जैसे घरों में जीवंत सिमट गया है।


4. कबूतर परेशानी में इधर-उधर क्यों फड़फड़ा रहे थे?

उत्तर

कबूतरों का एक अंडा बिल्ली ने तोड़ दिया था और दूसरा अंडा लेखक की मां द्वारा गलती से टूट गया था, इसलिए कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे।


NCERT Solutions for Chapter 15 निदा फ़ाज़ली - अब कहां दूसरे के दुख से दुखी होने वाले Class 10 Hindi लिखित

क. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 पक्तियों में) लिखिए-

1. अरब में लशकर को नूह के नाम से क्यों याद करते हैं?

उत्तर

बाइबिल और दूसरे पावन ग्रंथों में नूह नाम के एक पैगंबर का जिक्र किया गया है, जिनका असली नाम लश्कर था। अरब में लश्कर को नूह इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने एक बार एक जख्मी कुत्ते को दुत्कार दिया था और इसके कारण वे ताउम्र पश्चाताप में रोते रहे।


2. लेखक की माँ किस समय पेड़ों के पत्ते तोड़ने के लिए मना करती थीं और क्यों?

उत्तर

लेखक की मां सूरज ढलने के बाद आंगन के पेड़ों से पत्ते तोड़ने के लिए मना करती थी, क्योंकि उनका मानना था कि दीया-बत्ती के वक्त पेड़ों से पत्ते और फूल तोड़ने पर पेड़ों को दर्द होता है; जिसकी वजह से वे रोते है और हमें बद्दुआ देते है।


3. प्रकृति में आए असंतुलन का क्या परिणाम हुआ?

उत्तर

प्रकृति में आए असंतुलन के कारण मनुष्य को दिन प्रतिदिन बढ़ती गर्मी, बेवक्त की बरसाते, ज़लज़लों, सैलाबों, तूफ़ानों और नित नए रोगो का सामना करना पड़ रहा है। नेचर की सहनशक्ति की एक सीमा होती है और यह सभी चीजें नेचर के गुस्से का एक नमूना है, क्योंकि मनुष्य की बढ़ती हुई आबादी वातावरण का शोषण कर रही है।


4. लेखक की माँ ने पूरे दिन का रोज़ा क्यों रखा?

उत्तर

लेखक की मां ने पूरे दिन का रोजा इसलिए रखा क्योंकि उनके हाथों कबूतरों के एक जोड़े का अंडा गिरकर टूट गया था। इसके कारण कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे। उनकी आंखों में दुख देखकर लेखक की मां पूरे दिन रोती रही और बार-बार नमाज पढ़कर खुदा से इस गलती को माफ करने की दुआ मांगती रही।


5. लेखक ने ग्वालियर से बंबई तक किन बदलावों को महसूस किया? पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

लेखक ने ग्वालियर से मुंबई की दूरी में काफी कुछ बदलाव महसूस किया। वर्सोवा में जहां पहले दूर-दूर तक जंगल, पेड़-पौधे, परिंदे और जानवर हुआ करते थे वहां आज समंदर के किनारे लंबी चौड़ी बस्ती बन गई है। वहां बनी इमारतों और घरों ने सभी जानवरों और परिंदों से उनका आशियाना छीन लिया।


6. ‘डेरा डालने’ से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

‘डेरा डालने’ का अर्थ होता है – अस्थाई रूप से बसना। पहले जब दूर-दूर तक जंगल हुआ करता था तब परिंदे पेड़ों पर घोसले बनाकर स्थाई रूप से बसे होते थे, लेकिन अब शहरों में बनी लंबी-चौड़ी इमारतों और घरों ने परिंदों से उनके आशियाने छीन लिए हैं; जिसकी वजह से बहुत से पक्षियों ने उन्हीं इमारतों व घरों में यहां-वहां डेरा डाल लिया है।


7. शेख अयाज़ के पिता अपने बाजू पर काला च्योंटा रेंगता देख भोजन छोड़ कर क्यों उठ खड़े हुए?

उत्तर

शेख अयाश के पिता ने बाजू पर काला च्योंटा रेंगता देख भोजन छोड़ कर उठ खड़े हुए क्योंकि उनका मानना था कि उन्होंने उस च्योंटे को अपने घर से बेघर कर दिया है। इसलिए उन्होंने बिना वक्त गवाह उसे उसके घर छोड़ कर आना जरूरी समझा। यह उनका बड़प्पन था कि उन्होंने उस बेजुबान जानवर की भावनाओं को समझा।

ख. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-

1. बढ़ती हुई आबादी का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर

पर्यावरण में आ रहे असंतुलन का मुख्य कारण मनुष्य की बढ़ती हुई आबादी ही है। जैसे-जैसे मनुष्यों की आबादी बढ़ती जा रही है, वैसे वैसे उनके रहने के लिए आवास की मांग बढ़ती जा रही है। इसकी वजह से पहले मनुष्य ने सारे जंगलों पर कब्जा कर लिया और अब वह समंदर की सीमाओं को भी पीछे सरकाते जा रहे है। मनुष्य ने अपने रास्ते में आने वाले सभी जंगलों को काट दिया। मनुष्य लगातार प्रकृति का शोषण कर रहा है। दिन-ब-दिन फैलते हुए प्रदूषण के कारण प्राकृतिक आपदाएँ भी बढ़ती जा रही है। इस तरह के पर्यावरण के असंतुलन का मनुष्य के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है।


2. लेखक की पत्नी को खिड़की में जाली क्यों लगवानी पड़ी?

उत्तर

लेखक के फ्लैट की मचान में कबूतरों के एक जोड़े ने घोंसला बना रखा था। अपने बच्चों को खिलाने पर जाने की जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए वे दिन में कई बार आते-जाते रहते थे, जिससे लेखक का घर गंदा होता था। वे लेखक के घर में चीजों को गिराकर तोड़ भी देते थे और उनकी लाइब्रेरी में घुसकर किताबों को गंदा कर देते थे। रोज-रोज की इस परेशानी से तंग आकर लेखक की पत्नी ने कबूतरों से अपने घर को बचाने के लिए खिड़की पर जाली लगवाकर उसे बंद कर दिया।


3. समुद्र के गुस्से की क्या वजह थी? उसने अपना गुस्सा कैसे निकाला?

उत्तर

बढ़ती आवासीय समस्या के कारण कई सालों से बड़े-बड़े बिल्डर समंदर को पीछे धकेलकर उसकी जमीन पर इमारतों व घरों का निर्माण कर रहे थे। पहले समंदर ने अपनी फैली हुई टांगे समेटीं, फिर थोड़ा सिमटकर बैठ गया। जब जगह और कम पड़ गई तो उकड़ुं बैठ गया, फिर खड़ा हो गया। लेकिन जब खड़े रहने की जगह भी कम पड़ गई, तो उसे गुस्सा आ गया और इसलिए उसने एक रात अपनी लहरों पर दौड़ते हुए तीन जहाजों को उठाकर बच्चों की गेंद की तरह तीन दिशाओं में फेंक दिया। इनमें से एक वर्ली के समंदर के किनारे गिरा, दूसरा बांद्रा में कार्टर रोड के सामने गिरा और तीसरा गेटवे ऑफ इंडिया पर जाकर गिरा।


4. ‘मट्टी से मट्टी मिले,
खो के सभी निशान,
किसमें कितना कौन है
कैसे हो पहचान’
इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से लेखक कहना चाहता है कि सभी जीव-जंतुओं का निर्माण मिट्टी से ही हुआ है और आखिर में सभी को मिट्टी में ही मिल जाना है। मिट्टी में मिलने के बाद किसी को कोई पहचान बाकी नहीं रहती। इसलिए सबको मिल-जुलकर व प्रेमभाव से रहना चाहिए, क्योंकि सभी मनुष्य व जीव एक समान है। ईश्वर ने सभी को एक समान बनाया है, इसलिए हमें भी भेदभाव नहीं करना चाहिए।

ग. निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-

1. नेचर की सहनशक्ति की एक सीमा होती है। नेचर के गुस्से का एक नमूना कुछ साल पहले बंबई में देखने को मिला था।

उत्तर

प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक ने कहा है कि हर चीज को सहने की एक निश्चित सीमा होती है, फिर चाहे वह प्रकृति हो या इंसान। उस सीमा को लांघने के बाद इसका खामियाजा भुगतना निश्चित है। लेखक ने इसका उदाहरण देते हुए कुछ वर्षों पहले मुंबई में हुई एक घटना का वर्णन किया है, जिसमें समुद्र ने तीन जहाजों को बच्चों की गेंद की तरह फेंक दिया था।


2. जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है।

उत्तर

प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक ने महान व बड़े लोगों की विशेषता का वर्णन किया है और बताया है कि महान व बड़े लोग अपनी इंद्रियों पर भली-भांति काबू पा लेते हैं और दूसरों को माफ करके अपनी महानता का परिचय देते है।


3. इस बस्ती ने न जाने कितने परिंदों-चरिंदों से उनका घर छीन लिया है। इनमें से कुछ शहर छोड़कर चले गए हैं जो नहीं जा सके हैं उन्होंने यहाँ-वहाँ डेरा डाल लिया है।

उत्तर

प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक ने मनुष्य द्वारा किए गए प्रकृति के शोषण का वर्णन किया है। बढ़ते शहरीकरण ने जंगलों को खत्म कर दिया है और पशु-पक्षियों से उनके आशियाने छीन लिए है। इसके कारण बहुत से पशु-पक्षी शहर छोड़ कर चले गए और कुछ इमारतों और घरों में ही इधर-उधर अस्थाई रूप से डेरा डाल लिया है।


4. शेख अयाज के पिता बोले, ‘नहीं, यह बात नहीं है। मैंने एक घरवाले को बेघर कर दिया है। उस बेघर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ।’ इन पंक्तियों में छिपी हुई उनकी भावना को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

प्रस्तुत पंक्तियों से पता चलता है कि शेख अयाश के पिता बहुत ही भावुक और दयालु व्यक्ति थे। यह उनकी महानता थी कि उन्होंने उस बेजुबान जानवर की भावनाओं को समझा। उनकी नजर में इंसान और पशु-पक्षी, सभी समान होते है। उन्होंने अपनी गलती स्वीकारते हुए तुरंत उसे सुधारने का प्रयास किया।


NCERT Solutions for Chapter 15 निदा फ़ाज़ली - अब कहां दूसरे के दुख से दुखी होने वाले Class 10 Hindi भाषा अध्ययन

1. उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित वाक्यों में कारक चिन्हों को पहचानकर रेखांकित कीजिए और उनके नाम रिक्त स्थानों में लिखिए;

जैसे
(क) माँ ने भोजन परोसा?- कर्ता
(ख) मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ।
(ग) मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया।
(घ) कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे।
(ङ) दरिया पर जाओ तो उसे सलाम किया करो।

उत्तर

(क). कर्ता कारक
(ख). संप्रदान कारक
(ग). संबंध कारक
(घ). अधिकरण कारक
(ड़). अधिकरण कारक


2. नीचे दिए गए शब्दों के बहुवचन रूप लिखिए –
चींटी, घोड़ा, आवाज, बिल, फौज, रोटी, बिंदु, दीवार, टुकड़ा।

उत्तर

  • चींटी – चींटियाँ
  • घोड़ा – घोड़े
  • आवाज – आवाज़ें
  • बिल – बिलों
  • फौज – फौजें
  • रोटी – रोटियाँ
  • बिंदु – बिन्दुओं
  • दीवार – दीवारें
  • टुकड़ा – टुकड़े


3. ध्यान दीजिए नुक्ता लगाने से शब्द के अर्थ में परिवर्तन हो जाता है। पाठ में ‘दफा’ शब्द का प्रयोग हुआ है जिसका अर्थ होता है-बार (गणना संबंधी), कानून संबंधी। यदि इस शब्द में नुक्ता लगा दिया जाए तो शब्द बनेगा ‘ दफ़ा ‘ जिसका अर्थ होता है-दूर करना, हटाना। यहाँ नीचे कुछ नुक्तायुक्त और नुक्तारहित शब्द दिए जा रहे हैं उन्हें ध्यान से देखिए और अर्थगत अंतर को समझिए।

सजा-सज़ा, नाज-नाज़, जरा-ज़रा, तेज-तेज़

निम्नलिखित वाक्यों में उचित शब्द भरकर वाक्य पूरे कीजिए

(क) आजकल…. बहुत खराब है। (जमाना/ज़माना)
(ख) पूरे कमरे को…… दो। (सजा/सज़ा)
(ग) …… चीनी तो देना। (जरा/ज़रा)
(घ) माँ दही…….भूल गई। (जमाना/ज़माना)
(ङ) दोषी को…….दी गई। (सजा/सज़ा)
(च) महात्मा के चेहरे पर…… था। (तेज/तेज़)

उत्तर

(क) आजकल ज़माना बहुत खराब है।
(ख) पूरे कमरे को सजा दो।
(ग) जरा चीनी तो देना।
(घ) माँ दही जमाना भूल गई।
(ङ) दोषी को सज़ा दी गई।
(च) महात्मा के चेहरे पर तेज था।

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