ICSE Solutions for पाठ 3 काकी (Kaki) Class 10 Hindi Sahitya Sagar

ICSE Solutions for काकी by Siyaram Sharan Gupta


प्रश्न क: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :

(i) उस दिन बड़े सबेरे श्यामू की नींद खुली तो उसने देखा घर भर में कुहराम मचा हुआ है।
बड़े सबेरे किसकी नींद किस कारणवश खुली?

उत्तर:
बड़े सबेरे श्यामू की नींद घर में मचे कोहराम के कारण खुली।

(ii) उस दिन बड़े सबेरे श्यामू की नींद खुली तो उसने देखा घर भर में कुहराम मचा हुआ है।
श्यामू ने उठने के बाद क्या देखा?

उत्तर :
उस दिन बड़े सबेरे श्यामू की नींद खुली तो उसने देखा कि उसके घर में कुहराम मचा हुआ है उसकी माँ ऊपर से नीचे तक एक कपड़ा ओढ़े हुए कंबल पर भूमि शयन कर रही है और घर के सब लोग उसे, घेरकर बैठे बड़े करुण ढंग से विलाप कर रहे हैं।

(iii) उस दिन बड़े सबेरे श्यामू की नींद खुली तो उसने देखा घर भर में कुहराम मचा हुआ है।
श्यामू ने उपद्रव क्यों मचाया?

उत्तर:
उस दिन बड़े सबेरे श्यामू की नींद खुली तो उसने देखा कि उसके घर में कुहराम मचा हुआ है। उसकी माँ ऊपर से नीचे तक एक कपड़ा ओढ़े हुए कंबल पर भूमि शयन कर रही है और घर के सब लोग उसे, घेरकर बैठे बड़े करुण ढंग से विलाप कर रहे हैं। उसके बाद जब उसकी माँ की श्मशान ले जाने के लिए ले जाने लगे तो श्यामू ने अपनी माँ को रोकने के लिए बड़ा उपद्रव मचाया।

(iv) उस दिन बड़े सबेरे श्यामू की नींद खुली तो उसने देखा घर भर में कुहराम मचा हुआ है।
श्यामू को सत्य का पता किस प्रकार चला?

उत्तर:
श्यामू अबोध बालक होने के कारण बड़े बुद्धिमान गुरुजनों ने उससे उसकी माँ की मृत्यु की बात यह कहकर छिपाई कि उसकी माँ मामा के यहाँ गई है परंतु जैसा कि कहा जाता है असत्य के आवरण में सत्य बहुत समय तक छिपा नहीं रह सकता ठीक उसी प्रकार श्यामू जब अपने हमउम्र दोस्तों के साथ खेलने जाता तो उनके मुख से यह बात उजागर हो गई कि उसकी माँ राम के यहाँ गई है और इस तरह श्यामू को पता चल ही गया कि उसकी माँ की मृत्यु हो गई है।

प्रश्न ख: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :

(i) वर्षा के अनंतर एक दो दिन में ही पृथ्वी के ऊपर का पानी तो अगोचर हो जाता है, परंतु भीतर-ही-भीतर उसकी आर्द्रता जैसे बहुत दिन तक बनी रहती है, वैसे ही उसके अंतस्तल में वह शोक जाकर बस गया था।
उपर्युक्त कथन किससे संबंधित है? उसका परिचय दें।

उत्तर:
उपर्युक्त कथन इस कहानी के मुख्य पात्र श्यामू से संबंधित है। वह अपनी माँ से बहुत प्यार करता है। वह इतना अबोध बालक है कि सत्य और असत्य के ज्ञान से अपरिचित होने के कारण अपनी माँ की मृत्यु की बात भी नहीं समझ पाता। उसे लगता है उसकी माँ ईश्वर के पास गई है जिसे वह पतंग की डोर के सहारे नीचे ला सकता है।

(ii) वर्षा के अनंतर एक दो दिन में ही पृथ्वी के ऊपर का पानी तो अगोचर हो जाता है, परंतु भीतर-ही-भीतर उसकी आर्द्रता जैसे बहुत दिन तक बनी रहती है, वैसे ही उसके अंतस्तल में वह शोक जाकर बस गया था।
उपर्युक्त पंक्तियों का संदर्भ स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:
प्रस्तुत पंक्तियों का संदर्भ यह है कि श्यामू अपनी माँ की मृत्यु के बाद बहुत रोता था और उसे चुप कराने के लिए घर के बुद्‌धिमान गुरुजनों ने उसे यह विश्वास दिलाया कि उसकी माँ उसके मामा के यहाँ गई है। लेकिन आस-पास के मित्रों से उसे इस सत्य का पता चलता है कि उसकी माँ ईश्वर के पास गई है। इस प्रकार बहुत दिन तक रोते रहने के बाद उसका रुदन तो शांत हो जाता है लेकिन माँ के वियोग की पीड़ा उसके हृदय में शोक बनकर बस जाता है।

(iii) वर्षा के अनंतर एक दो दिन में ही पृथ्वी के ऊपर का पानी तो अगोचर हो जाता है, परंतु भीतर-ही-भीतर उसकी आर्द्रता जैसे बहुत दिन तक बनी रहती है, वैसे ही उसके अंतस्तल में वह शोक जाकर बस गया था।
नन्हें बालक के लिए माँ का वियोग सबसे बड़ा वियोग होता है स्पष्ट करें।

उत्तर:
अबोध बालकों का सारा संसार अपनी माँ के आस-पास ही घूमता रहता है। उनके लिए माँ से बढ़कर कुछ भी नहीं होता। बालक की माँ बिना बोले ही उसकी सारी बातें समझ लेती है। साथ ही बालकों का हृदय अत्यंत कोमल, भावुक और संवेदनशील होता है और वे मातृ-वियोग की पीड़ा को सहन नहीं कर पाते हैं। और वैसे भी माँ का स्थान इस संसार में कोई नहीं ले सकता इसलिए अपनी माँ को खोना एक बालक के लिए सबसे बड़ा वियोग होता है।

(iv) वर्षा के अनंतर एक दो दिन में ही पृथ्वी के ऊपर का पानी तो अगोचर हो जाता है, परंतु भीतर-ही-भीतर उसकी आर्द्रता जैसे बहुत दिन तक बनी रहती है, वैसे ही उसके अंतस्तल में वह शोक जाकर बस गया था।
श्यामू अकसर शून्य में क्यों ताका करता था?

उत्तर:
अबोध बालक होने के कारण श्यामू अपनी माँ की मृत्यु की वास्तविकता से अपरिचित था। बड़ों के समझाने पर उसे लगता था कि उसकी माँ उसके मामा के पास गईं हैं लेकिन हमउम्र के बच्चों से उसे पता चलता है कि उसकी माँ राम के पास गई है। वह पहले अपनी माँ के लिए बहुत रोता था परंतु धीरे उसका रोना तो कम हो गया परंतु फिर भी उसकी माँ नहीं लौटी अत:श्यामू अकसर अपनी माँ के वियोग दुःख को सहन न कर पाने के कारण शून्य में ताका करता था।

प्रश्न ग: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :

(i) एक दिन उसने ऊपर आसमान में पतंग उड़ती देखी। न जाने क्या सोचकर उसका हृदय एकदम खिल उठा।
किसका ह्रदय क्यों खिल उठा?

उत्तर:
श्यामू अपनी माँ के जाने के बाद हमेशा दुखी रहा करता था। उसके हमउम्र बच्चों के अनुसार उसकी माँ राम के पास गई है इसलिए वह प्राय: शून्य मन से आकाश की ओर ताका करता था। एक दिन उसने ऊपर आसमान में पतंग उड़ती देखी और श्यामू ने सोचा कि पतंग की डोर को ऊपर रामजी के घर भेजकर वह अपनी माँ को वापस बुला लेगा और यही सोचकर उसका ह्रदय खिल उठा।

(ii) एक दिन उसने ऊपर आसमान में पतंग उड़ती देखी। न जाने क्या सोचकर उसका हृदय एकदम खिल उठा।
श्यामू ने कौन-सी चीज किस उद्देश्य से मँगवाई थी?

उत्तर:
श्यामू ने एक दिन आसमान में एक पतंग उड़ती देखी तो उसके मन में यह विचार आया कि वह पतंग के सहारे अपनी माँ को रामजी के घर से वापस ले आएगा। इस तरह अपनी माँ को रामजी के घर से पुन:प्राप्त करने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए उसने भोला से पतंग और रस्सी मँगवाई।

(iii) एक दिन उसने ऊपर आसमान में पतंग उड़ती देखी। न जाने क्या सोचकर उसका हृदय एकदम खिल उठा।
इस कार्य में उसकी मदद किसने की उसका परिचय दें।

उत्तर:
पश्यामू की माँ को रामजी के घर से लाने में श्यामू की मदद भोला ने की।
भोला उसका समवयस्क साथी था। वह सुखिया दासी का पुत्र था। भोला चतुर समझदार था परंतु छोटा होने के कारण डरपोक भी था इसलिए विश्वेश्वर के डाँटने पर उसने चोरी संबंधित सारी बात उगल दी। वह भी श्यामू की तरह मासूम और भावुक बालक है।

(iv) एक दिन उसने ऊपर आसमान में पतंग उड़ती देखी। न जाने क्या सोचकर उसका हृदय एकदम खिल उठा।
अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए श्यामू ने पैसों की व्यवस्था किस प्रकार की?

उत्तर:
श्यामू अपनी माँ को रामजी के घर से लाने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए पहले अपने पिता से पतंग दिलवाने की प्रार्थना करता है परंतु जब उसके पिता उसे पतंग नहीं दिलवाते हैं तो वह खूँटी पर रखे पिता के कोट से चवन्नी चुरा लेता है और भोला से कहकर पतंग और डोर की व्यवस्था करता है। इस प्रकार अपनी माँ को वापस लाने के लिए वह चोरी करने से भी नहीं हिचकिचाता।

प्रश्न घ: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :

(i) विश्वेश्वर हतबुद्धि होकर वही खड़े हो गए उन्होंने फटी पतंग उठाकर देखी उस चिपके हुए कागज़ पर लिखा हुआ था-काकी।
भोला ने श्यामू की योजना में क्या कमी बताई?

उत्तर:
भोला श्यामू से अधिक समझदार था। उसे श्यामू का उसकी माँ को लाने का सुझाव पसंद तो आया परंतु भोला ने श्यामू को बताया कि पतंग की डोर पतली होने के कारण टूट सकती है। इस कार्य के लिए उन्हें मोटी रस्सी की आवश्यकता होगी। इस प्रकार भोला ने श्यामू की योजना में डोर के पतले होने की कमी बताई।

(ii) विश्वेश्वर हतबुद्धि होकर वही खड़े हो गए उन्होंने फटी पतंग उठाकर देखी उस चिपके हुए कागज़ पर लिखा हुआ था-काकी।
श्यामू को रात भर नींद क्यों नहीं आई?

उत्तर:
भोला द्वारा जब उसकी माँ को लाने की योजना में मोटी रस्सी की कमी बताई गई तो उसके सामने अब मोटी रस्सी लाने की कठिनता आ गई क्योंकि रस्सी खरीदने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे और घर में भी ऐसा कोई नहीं था जो इस कार्य में उसकी मदद करता और यही सब सोचकर श्यामू को चिंता के मारे रात-भर नींद नहीं आई।

(iii) विश्वेश्वर हतबुद्धि होकर वही खड़े हो गए उन्होंने फटी पतंग उठाकर देखी उस चिपके हुए कागज़ पर लिखा हुआ था-काकी।
श्यामू पतंग पर किससे, क्या लिखवाता है और क्यों?

उत्तर:
श्यामू लिखना नहीं जानता था इसलिए उसने जवाहर भैया से काकी लिखवाने में मदद माँगी। काकी लिखवाने का श्यामू का यह उद्देश्य था कि यदि चिट पर काकी लिखा होगा तो पतंग सीधे उसकी काकी के पास ही पहुँच जाएगी।

(iv) विश्वेश्वर हतबुद्धि होकर वही खड़े हो गए उन्होंने फटी पतंग उठाकर देखी उस चिपके हुए कागज़ पर लिखा हुआ था-काकी।
विश्वेश्वर हतबुद्‌धि होकर क्यों खड़े रह गए?

उत्तर:
विश्वेश्वर अपनी कोट की जेब से एक रूपए की चोरी का पता लगाने जब भोला और श्यामू के पास पहुँचते हैं तो उन्हें भोला से सच्चाई का पता चलता है कि श्यामू ने ही एक रूपए की चोरी की है। इस पर वे बहुत अधिक क्रोधित हो उठते है और क्रोधवश श्यामू को धमकाने और मारने के बाद पतंग फाड़ देते हैं। लेकिन जब उन्हें भोला द्‌वारा यह पता चलता है कि श्यामू इस पतंग के द्‌वारा काकी को राम के यहाँ से नीचे लाना चाहता है, सुनकर विश्वेश्वर हतबुद्‌धि होकर वहीं खड़े रह जाते हैं।
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